पटनाः चुनाव आयोग के द्वारा सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किए जाने के साथ ही चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया है कि इस बार बिहार चुनाव 2 चरणों में होंगे। पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे 6 नवंबर को पहले चरण में 121 सीटों पर चुनाव होगा। दूसरे चरण में यानी 11 नवंबर को 122 सीटों पर चुनाव कराया जाएगा। जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। चुनाव शेड्यूल घोषित हो जाने के बावजूद एनडीए और महागठबंधन दोनों में अभी तक सीटों का बंटवारा ही नहीं हुआ है। मायावती की पार्टी बसपा के 5 उम्मीदवार, तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल तीन उम्मीदवार और आप के 11 उम्मीदवारों को छोड़कर अभी तक किसी भी दल ने अपने प्रत्याशियों को नहीं उतारा है।
बता दें कि बिहार में इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में कई बड़े नेताओं की साख दांव पर है। यह चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ भाजपा, तेजस्वी यादव और बिहार में सियासी जमीन तलाश पर प्रशांत किशोर की प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है। दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुवाई में चुनाव आयोग की टीम पिछले ही दिनों बिहार दौरे पर गई थी।
जहां राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की गई। राजनीतिक दलों की ओर से सुझाव दिया गया है कि चुनाव छठ पूजा के बाद कराए जाएं। जदयू ने एक ही चरण में मतदान की मांग रखी है, जबकि भाजपा और राजद ने दो चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की थी। इस बार के चुनाव में कई बड़े नेताओं के लिए साख का सवाल है।
नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है उनके खिलाफ विरोधियों द्वारा फैलाए गए भ्रम को मात देकर अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित करना। भाजपा को वोट चोरी के विपक्षी आरोपों के बीच अपनी ताकत दिखानी है। तेजस्वी यादव को 'जंगलराज' जैसे आरोपों का जवाब देना है।
वहीं प्रशांत किशोर के लिए यह पहला पूर्ण विधानसभा चुनाव है, जिसमें वे अपनी रणनीतिक क्षमता साबित करना चाहेंगे। उल्लेखनीय है कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में इस समय एनडीए के पास 131 विधायक हैं। इसमें भाजपा के 80 विधायक, जदयू के 45 विधायक, हम (सेक्युलर) के 4 विधायक और 2 निर्दलीय विधायक भी सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
वहीं, महागठबंधन के पास कुल 111 विधायक हैं। जिसमें राजद के 77, कांग्रेस के 19, भाकपा-माले के 11, भाकपा और माकपा के 2-2 विधायक हैं। 2020 के चुनाव में राजद 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि भाजपा को 74 और जदयू को 43 सीटें मिली थीं।