पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की जारी गहमागहमी के बीच तीन दिवसीय दौरे पर बिहार आए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान शनिवार को कांग्रेस और विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। 130वें संविधान संशोधन को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के विरोध पर अमित शाह ने कहा कि जेल में बैठकर सरकार चलाना किसी तरह से लोकतांत्रिक नहीं है। कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को खुली चुनौती देते उन्होंने हुए कहा कि वे पटना के चौराहे पर आकर सार्वजनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और बताएं कि जेल में बैठकर सरकार चलाना कितना उचित है? हिम्मत है तो यह बताएं कि जेल में रहकर सरकार चलाने में कोई बुराई नहीं है। अमित शाह ने कहा कि नए नियमों में जेल जाने वाले नेताओं को 30 दिन का समय दिया गया है। उसके बाद भी वे जेल में रहते हैं तो पद से इस्तीफा देना होगा। इसमें कोई बुराई नहीं है।
वहीं, राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के आरोप लगाए जाने पर अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी अब एसआईआर पर नहीं बोलते हैं। बिहार की जनता ने उनको भुला दिया है। वे वोट चोरी कहीं नहीं बोले हैं, उन्हें सलाह दी गई है। बिहार की सरकार का फैसला कोई घुसपैठिया नहीं कर सकता है। हमारे लोकतंत्र की मूल बात हमारा चुनाव है। जो देश का नागरिक नहीं है, वो कैसे देश का मतदाता बन सकता है? विदेशी नागरिक हमारे देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री नहीं तय करेंगे। चुनाव आयोग अगर एसआईआर के जरिए घुसपैठिए निकालता है तो क्यों मिर्ची लग रही है, पेट में क्यों दर्द हो रहा है? अमित शाह ने कहा कि मैंने राहुल जी के वक्तव्य को ठीक से देखा ही नहीं, लेकिन वह खुद ही अपना मुद्दा भूल गए हैं। बिहार की जनता ने ही भुला दिया है। 15 दिन से वह बिहार में वोट चोरी पर नहीं बोल रहे हैं। शायद उन्हें कोई सलाह दी गई होगी। लेकिन क्या बिहार की सत्ता का फैसला कोई घुसपैठिया करेगा? लोकतंत्र की मूल बात चुनाव है और उसमें भी मूल मतदाता सूची है।
उन्होंने घुसपैठ होने देकर वोट बैंक क्रिएट किया है। हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं कि पूरे देश में एसआईआर होना चाहिए और घुसपैठियों को डिलीट करना चाहिए। घुसपैठ रोकने के लिए केंद्र के पास क्या योजना यह पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि जिन्होंने बांग्लादेश, कश्मीर का बॉर्डर देखा होगा। वहां कोई रोड नहीं है। वहां घने जंगल हैं, ऊंची पहाड़ियां हैं। नदी नाले हैं। सब जगह फेंस लगाना मुश्किल नहीं है और ना ही 24 घंटे निगरानी हो पाती है। बारिश के दिनों में तो स्थिति और भी खराब हो जाती है। दिल्ली के लुटियन में बैठकर बात करना आसाना है। घुसपैठिया घुसकर सबसे पहले कहां जाता है? क्या थाने को पता नहीं चलता, पटवारी को पता नहीं चलता? लेकिन बंगाल में कहा जाता है कि उनका लाल जाजम बिछाकर स्वागत करिए। उन्होंने बंगाल की जनता को भी कहा कि अगर भाजपा की सरकार बनी तो वहां भी घुसपैठ नहीं होने देंगे।
वहीं, राजद पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि बिहार में 20 साल से हमारी सरकार है। लालू और राबड़ी देवी बिहार में बहुत बड़ा गड्ढा बनाकर गए थे, उसे हमने भरने का काम किया। पहले 10 साल में बिहार में नीतीश सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर की गई। उसके बाद रोड कनेक्टिविटी और सामाजिक न्याय के नए युग की शुरुआत की। फिर नरेंद्र मोदी भी आ गए, गंगा नदी पर बड़े-बड़े ब्रिज बनाए गए।
उन्होंने कहा कि पटना से गयाजी आज दो घंटे में पहुंच सकते हैं। कई जगह नेशनल हाइवे बने हैं। पूरा बिहार कनेक्ट हो गया है। बरौनी रिफाइनरी फिर से शुरू हो गई है। बोधगया में आईआईएम, ट्रिपल आईटी बनी, दरभंगा में एम्स बन रहा है। बिहार अब काफी आगे बढ़ रहा है। अमित शाह ने कहा कि बिहार में ऐसी इंडस्ट्री लाना चाहिए, जिसमें भूमि की कम जरूरत पड़े। इसलिए बिहार को एआई और सॉफ्टवेयर का हब बनाना चाहते हैं। इस इंडस्ट्री के अनुकूल राज्य को बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि चंद्रगुप्त मौर्य के समय से नेपाल का पानी बिहार आकर तबाही मचाता है। 2024 के बजट के अंदर कोसी परियोजना के लिए हजारों करोड़ रुपये की परियोजना लाई है, जिस पर काम तेजी से चल रहा है। आने वाले 10 साल में बिहार बाढ़ से मुक्त हो जाएगा। इसके साथ ही माओवाद को लेकर उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि 30 मर्च 2026 तक नक्सली अपना हथियार डाल दें अन्यथा हम उन्हें रसातल में पहुंचा देंगे।
वहीं, जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने पहली बार पार्टी बनाई है। उन पर बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद चर्चा करेंगे। उन्होंने सीट बंटवारे को लेकर उपजे मतभेदों पर कहा कि एनडीए में कोई विवाद नहीं है। अमित शाह ने कहा कि हम राजनीतिक दल हैं और सभी की अपनी मांग होती है, लेकिन जब एक बार सीटें तय हो जाती हैं तो फिर सब मिलकर काम करने लगते हैं।
नई पीढ़ी के लोगों को जंगलराज याद नहीं होने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि मैं उसे ही याद दिलाने यहां आया हूं। 20 साल से हम यहां हैं तो क्या हुआ? इसका जवाब है कि हमने सारे गड्ढे भरे हैं। पहले 10 साल में यहां की कानून व्यवस्था सही हुई है। नरसंहार, फिरौती, कत्लेआम का दौर समाप्त हुआ है। इसके बाद हमने सड़कें बनानी शुरू कीं। सामाजिक न्याय के तहत नए युग की शुरुआत हुई। फिर अगले 10 साल में कई बड़े-बड़े निर्माण हुए हैं। गंगा में 10 नए पुल बन रहे हैं और 4 बन चुके हैं। पटना से गया जाने में मुझे साढ़े 6 घंटे लगे थे, जब मैं पिताजी का श्राद्ध करने गया था। अब यह टाइम दो घंटे का ही है। अब जो 10 साल आएंगे, उसमें हम बिहार को औद्योगिक राज्य बनाएंगे। बिहार में पानी की कमी नहीं है और मेहनती लोग हैं। यहां के लोग बुद्धिमत्ता में भी बहुत आगे हैं। बिहार में पूर्णिया, दरभंगा और पटना में एयरपोर्ट बन गए हैं। हमने साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये खर्च करके बिहार की सड़कें मजबूत की हैं। बिहार में बिजली के 4 कारखाने लगे हैं और राज्य अब विद्युत आपूर्ति में आत्मनिर्भर बन चुका है। 20 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन हो गया है। हमारी कोशिश है कि कपड़े बदलकर या चेहरा बदलकर जंगलराज फिर से बिहार में ना आ जाए।
वहीं, वोटों के ध्रुवीकरण के आरोप पर अमित शाह ने कहा कि मैंने ऐसा कुछ कहां कहा कि मेरा शब्द सिर्फ घुसपैठिया है। मैंने हिंदू या मुसलमान घुसपैठिया नहीं कहा है। दिक्कत विपक्ष की है, जो कह रहा है कि मुस्लिम घुसपैठिया है तो उसे रहने दीजिए। यही सांप्रदायिकता है और यही ध्रुवीकरण की राजनीति है। हम तो ऐसा कुछ नहीं कर सकते।
अमित शाह से जब यह पूछा गया कि क्या वे ये घोषणा कर सकते हैं कि आने वाले 10 वर्षों में बिहार की यह स्थिति हो जाएगी कि ये मजदूरों का निर्यातक प्रदेश नहीं होगा? इस पर उन्होंने कहा कि इसे अलग तरीके से देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बिहार को सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का हब बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस इंडस्ट्री के अनुकूल युवाओं के लिए मौके बनाने होंगे। उन्हें तराशना होगा। इन विधाओं में शिक्षित मैन पावर बनाने का काम हम करेंगे।
विधानसभा चुनाव को लेकर अमित शाह ने कहा कि महागठबंधन के नेता तय नहीं हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि बिहार में एनडीए सरकार बनेगी। अमित शाह ने बिहार में एनडीए सरकार द्वारा किए गए कार्यों को गिनाया। अमित शाह ने कहा कि मैं बिहार की जनता को जंगलराज याद दिलाना चाहता हूं कि कहीं फिर से कपड़े या भेष बदलकर जंगलराज आ ना जाए। एक बहुत बड़ा गड्ढा लालू जी बना कर गए थे। कहीं वो सब कुछ वापस ना आए। अमित शाह ने कहा कि पहले दस साल में नीतीश कुमार के शासन में कानून-व्यवस्था यहां अच्छी हुई। पूरा बिहार स्वीकार करेगा कि नरसंहार और अपहरण का दौर चलता था वो बंद हो गया है।
बिहार में चुनाव से पहले महिलाओं के खाते में दस-दस हजार रुपये दिए जाने को लेकर विपक्ष के आरोप पर जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि जब से मोदी की सरकार बनी 8 करोड़ 52 लाख लोगों को हर महीने मुफ्त में अनाज देने का काम किया गया। इससे 52 लाख किसानों को फायदा मिला है। घर में एक करोड़ 57 लाख माताओं को सिलेंडर मिला है। 2 करोड़ 53 लाख लोगों को आयुष्मान भारत का लाभ मिला। आयुष्मान हेल्थ सेंटर भी बनाए गए हैं। 1 करोड़ 60 लाख लोगों के घर में नल से जल पहुंचा है। इसकी अगली कड़ी है जीविका दीदी को 10 हजार रुपया।
बता दें कि अमित शाह तीन दिवसीय बिहार दौरे पर 16 अक्टूबर को पटना आए थे। इस दौरान उन्होंने भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं के साथ-साथ बूथ मैनेजमेंट तक की रूपरेखा तैयार कर सारे किल कांटे को निकालने का प्रयास किया। भाजपा नेताओं के अलावे एनडीए के सहयोगियों के साथ बैठकर उन्होंने चुनाव जीतने की रणनीतियों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके निवास पर जा कर मुलाकात की। इस दौरान चुनावी रणनीतियों को लेकर दोनों नेताओं के बीच विचार विमर्श हुआ। इसके साथ ही उन्होंने छपरा में जाकर चुनाव प्रचार का शंखनाद करते हुए एक महती जनसभा को संबोधित किया। वहीं पटना में प्रबुद्धजनों के समागम मेम भाग लेकर जंगलराज की चर्चा की।