पटना/नई दिल्लीः महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बात बन गई है। राजद और कांग्रेस में कई दिन से मनमुटाव चल रहा था। खबर आ रही है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर डील पक्की हो गई है। हालांकि घोषणा होना बाकी है।
बिहार में 243 विधानसभा सीट है। 2015 में कांग्रेस-राजद और जदयू मिलकर चुनाव लड़े थे। उस समय कांग्रेस ने 27 सीट पर कब्जा किया था। लालू प्रसाद यादव ने 80 सीट पर कब्जा किया था। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे पर बात पक्की हो गई है। कांग्रेस 68 सीटों पर जबकि मुकेश सहनी की पार्टी 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सीपीआईएमएल को 19 जबकि सीपीआई और सीपीएम को 10 सीटें दी जा सकती हैं. वहीं राजद खुद 136 या 138 सीट पर उतरेगी। हालांकि अभी इस बारे में औपचारिक ऐलान बाकी है।
कांग्रेस के प्रभारी ने तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठा दिया था। लेकिन अब आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भी कहा है कि सब कुछ ओके है। जल्द ही हम लोग ऐलान कर देंगे। दरअसल, महागठबंधन में कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर तनातनी चल रही थी।
कांग्रेस की स्क्रीनिंग समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी पहली बैठक की
बिहार के लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग समिति ने पहली बैठक की और विधानसभा चुनाव में सात वर्तमान विधायकों को खड़ा करने का निर्णय लिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी टिकटों के वितरण और अन्य दलों के साथ सीटों के बंटवारे पर आंतरिक चर्चा की थी।
बैठक में भाग लेने वालों में स्क्रीनिंग समिति के अध्यक्ष अविनाश पांडे, बिहार में पार्टी प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, बिहार कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा और बिहार में सीएलपी नेता सदानंद सिंह शामिल थे। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सीटों के तालमेल को अंतिम रूप में देने में हो रही देरी से कांग्रेस के भीतर बेचैनी बढ़ रही है और ऐसे में पार्टी के भीतर ‘वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चे’ को लेकर भी एक राय उभरकर सामने आई है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी को अब भी उम्मीद है कि अगले एक-दो दिनों में राजद के साथ सीट बंटवारे को लेकर कुछ न कुछ बात बन जाएगी। राजद के साथ सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत में सक्रिय भूमिका निभा रहे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘राजद और खासकर तेजस्वी यादव के रवैये से हम दुखी हैं। पहले जीतन राम मांझी को अलग कर दिया गया, फिर उपेंद्र कुशवाहा को अलग किया गया। अब हमारे साथ भी इनका रवैया ठीक नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी ने पिछले कुछ दिनों से लगातार बैठकें की हैं। हमारी पार्टी के कुछ नेताओं की यह राय सामने आई है कि अगर राजद का यही रवैया रहता है तो हमें कांग्रेस की अगुवाई में वैकल्पिक धर्मरिनरपेक्ष मोर्चे के बारे में विचार करना चाहिए।’’ साथ ही, कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘‘हमें अब भी उम्मीद है कि राजद अपना रवैया बदलेगा और अगले एक-दो दिन में बात बन जाएगी।’’ सूत्रों का कहना है कि कुछ दिनों पहले तक राजद 58 विधानसभा सीटें और वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट (उपचुनाव) कांग्रेस को देने के पक्ष में थी।
हालांकि, कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी को 70 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को मतगणना होगी। चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद भी अब तक कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के तालमेल को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।