लाइव न्यूज़ :

Bihar Elections 2020:  दिनेश कुमार सिंह पर गाज, जदयू ने किया निलंबित, बेटी को जिताने के लिए कार्यकर्ताओं पर बना रहे थे दबाव

By एस पी सिन्हा | Updated: November 4, 2020 22:07 IST

जदयू के प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य ने पार्टी के बिहार विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) दिनेश कुमार सिंह को निलंबित किए जाने को लेकर एक पत्र जारी किया. बता दें कि जदयू अबतक पांच दर्जन के करीब बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. 

Open in App
ठळक मुद्देजदयू अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बिहार विधान परिषद के सदस्य दिनेश प्रसाद सिंह को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया है.प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश के बाद प्रदेश महासचिव डा. नवीन कुमार आर्य ने उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने एनडीए प्रत्याशी के रूप में राजद उम्मीदवार डा. रघुवंश प्रसाद सिंह को हराया था.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण की तैयारी के बीच राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने अपने विधान पार्षद दिनेश कुमार सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर आज निलंबित कर दिया.

जदयू के प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य ने पार्टी के बिहार विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) दिनेश कुमार सिंह को निलंबित किए जाने को लेकर एक पत्र जारी किया. बता दें कि जदयू अबतक पांच दर्जन के करीब बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. 

प्रदेश जदयू अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बिहार विधान परिषद के सदस्य दिनेश प्रसाद सिंह को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया है. प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश के बाद प्रदेश महासचिव डा. नवीन कुमार आर्य ने उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया है. साथ ही उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.

उल्लेखनीय है कि विधान पार्षद दिनेश कुमार सिंह की बेटी कोमल सिंह मुजफ्फरपुर के गायघाट विधानसभा क्षेत्र से इस बार लोजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उम्मीदवार हैं. इस तरह का आरोप लग रहा था कि दिनेश सिंह जदयू के कार्यकर्ता पर दबाव बना रहे हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं.

जदयू विधान पार्षद पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को लोजपा के पक्ष में काम करने का दबाव दे रहे थे. प्रमाण मिलने के बाद जदयू ने सख्त कार्रवाई की है. यहां बता दें कि मुजफ्फरपुर के दिनेश सिंह जदयू से एमएलसी हैं और उनकी पत्नी वीणा सिंह लोजपा की वैशाली से सांसद हैं. अब वह अपनी बेटी को लोजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़वा रहे हैं. जदयू में रहते हुए वे लोजपा के पक्ष में काम कर रहे थे. केंद्र में राजग में शामिल लोजपा ने बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ने का फैसला किया है.

दिनेश प्रसाद सिंह की पत्नी वीणा देवी वैशाली लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने एनडीए प्रत्याशी के रूप में राजद उम्मीदवार डा. रघुवंश प्रसाद सिंह को हराया था. उधर चार बार के विधायक महेश्वर प्रसाद यादव जदयू के टिकट पर पांचवीं बार विधानसभा पहुंचने के लिए चुनाव मैदान में हैं.

2015 में राजद के टिकट पर महेश्वर प्रसाद यादव ने भाजपा के टिकट पर उतरीं वीणा देवी को पराजित किया था. इस बार के चुनाव में महेश्वर प्रसाद यादव ने राजद का साथ छोड़ जदयू का दामन पकड़ लिया है. उनके खिलाफ राजद ने निरंजन राय को उतारा है. 

टॅग्स :बिहार विधान सभा चुनाव 2020जेडीयूनीतीश कुमारराष्ट्रीय रक्षा अकादमीआरजेडीलोक जनशक्ति पार्टी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया पटना डेयरी प्रोजेक्ट, सुधा का निरीक्षण, एमडी शीर्षत कपिल अशोक ने दी डेयरी की उपलब्धि की जानकारी

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र