पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी कूद गए हैं। वह एनडीए सहयोगी है और सात सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वह लगातार चिराग पासवान और तेजस्वी यादव पर हमला कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने दामाद औऱ समधन को विधानसभा चुनाव में टिकट देने का नया कारण बताया। उन्होंने मांझी ने कहा कि उनका दामाद बेरोजगार था इसलिए विधानसभा चुनाव में टिकट दे दिया है। दरअसल, इस चुनाव में जीतन राम मांझी को एनडीए ने सात सीटें दी हैं। इनमें से एक यानि इमामगंज सीट से जीतन राम मांझी खुद खडे़ हैं।
बाराचट्टी से अपनी समधन ज्योति देवी को टिकट दिया है। वहीं अपनी पूर्व की सीट मखदुमपुर से दामाद देवेंद्र मांझी को टिकट दिया है, मांझी बोले कि ये परिवारवाद नहीं है। उनकी समधन ज्योति देवी पहले भी विधायक रह चुकी हैं।
इसलिए उन्हें टिकट देकर कोई गुनाह नहीं किया, रही बात दामाद की तो दामाद बेरोजगार हैं, इसलिए उनको टिकट दिया गया है। मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार सभी सीटों पर जीत रहे हैं. सात सीट लड़ने वाले मांझी ने फिर कहा है कि वे एनडीए की अगली सरकार बनते ही शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा करायेंगे।
'हम' ने अपने घोषणा पत्र में विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थाओं में मुफ्त वाई-फाई, मध्याह्न भोजन के तहत हर बच्चे को मुफ्त में एक लीटर देसी घी, एक किलोग्राम मिल्क पाउडर, गरीबों के लिए नई स्वास्थ्य बीमा योजना, ब्लड बैंक, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, डेढ़ लाख रुपए तक की सालाना आय वालों को मुफ्त इलाज सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सड़क सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का वादा किया है। हम के घोषणा पत्र में सात मुख्य वादों को प्राथमिकता दी गई है।
मांझी ने कहा कि वे शुरू से कहते आ रहे हैं कि शराबबंदी कानून, गरीबों खासकर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के उत्पीड़न का कारण बनता रहा है़। कई मामले ऐसे आये हैं कि पुलिस गरीब को पकड़ लेती है और अमीर को छोड़ देती है, नई सरकारी बनते ही वे इस कानून में संशोधन की अपील करेंगे। हालांकि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में शराबबंदी कानून की समीक्षा करने का एलान किया है. मांझी ने कहा कि ये उनका एजेंडा है. वे काफी पहले से इसकी समीक्षा की आवाज उठाते रहे हैं।
उन्होंने तेजस्वी यादव और उनकी घोषणाओं को हवा -हवाई बताया। तेजस्वी की सभाओं में भीड़ को लेकर कहा कि 2010 से लेकर आज तक राजद की सभाओं में भीड़ ही होती है, वोट के दिन जनता नीतीश कुमार पर भरोसा करती है़, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान पर भी वह निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।