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बिहार विधानसभा चुनावः 60 दिन से गांव-गांव घूमकर लोगों से मिले रहे 16000 आरएसएस स्वयंसेवक?, एनडीए को जीत दिलाने के लिए संघ ने झोंकी ताकत!

By एस पी सिन्हा | Updated: September 5, 2025 15:13 IST

Bihar Assembly Elections: संघ से से जुड़े सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव से पहले संगठन ने देशभर से 10 हजार स्वयंसेवक बिहार भेजे हैं। यूपी, हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र से आए हैं।

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ठळक मुद्देसंघ ने बिहार को दो प्रांत उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार में बांटा है।उत्तर बिहार का काम मुजफ्फरपुर और दक्षिण बिहार का पटना से होता है।बिहार में करीब 6 हजार कार्यकर्ता हैं। जमीन पर सक्रिए हैं।

Bihar Assembly Elections: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। संघ बिहार में भाजपा की मजबूती के लिए हर संभव प्रयास में जुट गया है। संघ चाहता है कि बिहार में हर हाल में भाजपा मजबूत हो और सरकार बना सके। जानकारों की मानें तो इसके लिए राज्य में लगभग 16 हजार स्वयंसेवक पिछले 2 महीने से सक्रिय हैं और गांव-गांव घूमकर लोगों से बात कर उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं। एक स्वयंसेवक ने  औफ दि रिकॉर्ड बताया कि हम लोग चाय की दुकानों, मंदिरों और घरों में जाते हैं। लोगों से बहस नहीं करते, बल्कि उन्हें समझाते हैं। बुजुर्गों से मिलते है। पहले रामायण, फिर विकास की बात करते है। हर जिले में प्रभारी हैं, जो इसकी रिपोर्ट नागपुर भेजते हैं। बताया जा रहा है कि हर गांव में 10 से 15 स्वयंसेवक काम कर रहे हैं।

Bihar Assembly Elections: बिहार में महिला मतदाताओं के लिए अलग से रणनीति

ये अलग-अलग गांवों में घर-घर जाकर मतदाताओं से बातचीत कर अपना रिपोर्ट तैयार करते हैं। ये टीमें उन मतदाताओं को मना रही हैं, जिसके मन में भाजपा या एनडीए के लिए थोड़ी भी दुविधा है। साथ ही स्वयंसेवकों के द्वारा मतदाताओं को यह भी समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि किस पार्टी ने क्या वादा किया था, कितना पूरा किया, किस पार्टी ने बिहार को जंगलराज बनाया और किसने अच्छा काम किया?

स्वयंसेवकों का काम मतदाताओं के दिमाग से भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए सरकार के अच्छाई को बताते हुए उन्हें एनडीए के पक्ष में लाना है। रुठे मतदाताओं को गुस्सा निकालने का मौका दे रहे हैं। इसके साथ ही बिहार में महिला मतदाताओं के लिए अलग से रणनीति बनाई है। संघ से जुड़ी महिला संगठन की सदस्य अलग-अलग उम्र की महिलाओं से मिल रही हैं।

Bihar Assembly Elections: घर का राशन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सड़कों का माहौल

घरेलू और पेशेवर महिलाओं के लिए अलग टीमें हैं। सूत्रों के अनुसार संघ एक सर्वे भी कर चुका है। कैटेगरी के साथ महिलाओं की सूची तैयार है। अब उनके साथ टीमें बैठक कर रही हैं। महिलाओं से पूछा जा रहा है कि उनकी सीट पर कौन सा नेता बेहतर है। उन्हें कैसे नेता और सरकार चाहिए? ‘महिलाएं घर से लेकर बाहर तक हर चीज से प्रभावित होती हैं।

घर का राशन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सड़कों का माहौल, इनसे जुड़े ऐसे कुछ सवाल महिलाओं से पूछे जा रहे हैं। उनके मन में कोई शंका है तो उसे दूर भी करने का प्रयास कर रही हैं। आरएसएस 100 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रहा है। इस पर पार्टी और संघ मंथन करने के बाद फैसला लेगा। हर सीट पर तीन उम्मीदवारों के नाम देंगे।

Bihar Assembly Elections: पीएम किसान सम्मान निधि योजना, आयुष्मान भारत

हर उम्मीदवार की छवि, मजबूत और कमजोर पक्ष डिटेल में देंगे। जिस सीट पर मौजूदा विधायक कमजोर हैं, वहां नए चेहरे की तलाश करेंगे। विधायक का रिपोर्ट कार्ड भी देंगे। प्रधानमंत्री की रैली से लेकर स्टार प्रचारकों की रैलियों में आरएसएस की भूमिका होगी। कौन सा प्रचारक कहां मतदाताओं से अपील करेगा, इसे ध्यान में रखते हुए आरएसएस रैलियों और बैठकों का प्लान बना रहा है।

सूत्रों की मानें तो आरएसएस के लोग प्रतिदिन 5-10 घरों में जाते हैं। लोगों से राम मंदिर, विकास की योजनाएं, जातिवाद के खिलाफ सहित कई विषयों पर चर्चा करते हैं। बताया जा रहा संघ से जुडे स्वयंसेवकों की टीम घर-घर जा कर संपर्क करती है। उनसे राष्ट्रवाद, सीमा सुरक्षा, पाकिस्तान, हिंदुत्व, राम मंदिर, गौ-रक्षा और विकास के साथ-साथ पीएम किसान सम्मान निधि योजना, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के फायदे बता रहे हैं। ऐसे परिवार चुनते है जो हिंदू हैं, लेकिन भाजपा के मतदाता नहीं हैं।

Bihar Assembly Elections: महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जिताने वाले मॉडल पर आरएसएस काम कर रहा

भाजपा के नाराज मतदाताओं से भी संपर्क करते हैं। ये सभी स्वयंसेवक पटना, मुजफ्फरपुर, सीवान, भागलपुर सहित सीमांचल और मगध के गांव-शहरों में सक्रिय हो गए हैं। राज्य में संघ के कार्यकर्ता भले दिखाई नहीं दें लेकिन उनके काम का नतीजा दिखाई देने लगा है। बिहार में भी महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जिताने वाले मॉडल पर आरएसएस काम कर रहा है।

स्वयंसेवक इस प्रयास में ही जुटे हैं कि जो काम दो महीनों के अंदर हो सकते हैं, उन्हें करवा दिया जाए। लेकिन मतदाताओं के जिन शिकायतों को दूर करने में ज्यादा वक्त लगना है, उसके लिए भरोसा दे रहे हैं, उनकी शिकायत चुनाव के फौरन बाद दूर की जाएगी। संघ से से जुड़े सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव से पहले संगठन ने देशभर से 10 हजार स्वयंसेवक बिहार भेजे हैं।

इनमें ज्यादातर यूपी, हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र से आए हैं। इनमें ऐसे लोग भी हैं, जो बिहार से हैं, लेकिन दूसरे राज्यों में रह रहे हैं। संघ ने बिहार को दो प्रांत उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार में बांटा है। उत्तर बिहार का काम मुजफ्फरपुर और दक्षिण बिहार का पटना से होता है। बिहार में करीब 6 हजार कार्यकर्ता हैं। इस तरह कुल 16 हजार स्वयंसेवक इस वक्त जमीन पर सक्रिए हैं।

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