बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच होगी सात-सात गांवों की अदला-बदली, केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है प्रस्ताव, जानिए क्या है पूरा मामला

By एस पी सिन्हा | Updated: November 27, 2021 17:23 IST2021-11-27T17:21:22+5:302021-11-27T17:23:04+5:30

यूपी और बिहार की सीमा से सटे गांवों की अदला-बदली से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है.

Bihar and Uttar Pradesh Kushinagar Bagaha Seven-seven villages will be swapped proposal central government | बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच होगी सात-सात गांवों की अदला-बदली, केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है प्रस्ताव, जानिए क्या है पूरा मामला

यूपी की सीमा से सटे बिहार के सात गांवों का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है.

Highlights यूपी के कुशीनगर जिले के सात गांव बगहा के होंगे.बगहा के सात गांव यूपी के कहलाएंगे. गांवों की अदला-बदली की प्रकिया पूरी की जाएगी.

पटनाः बिहार और यूपी के दर्जनभर गांवों का एक-दूसरे राज्यों के बीच आदान-प्रदान किया जायेगा. जिसमें अब दोनों राज्यों के बीच सात-सात गांवों की अदला-बदली की जायेगी.

 

यूपी के कुशीनगर जिले के सात गांव बगहा के होंगे, जबकि बगहा के सात गांव यूपी के कहलाएंगे. इसको लेकर सहमति बनने के बाद दोनों राज्य केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज रहे हैं. केंद्र सरकार का अनुमोदन मिलते ही गांवों की अदला-बदली की प्रकिया पूरी की जाएगी. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त ने इसको लेकर जिलाधिकारी कुंदन कुमार को पत्र भेज कर यूपी की सीमा से सटे बिहार के सात गांवों का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है. आयुक्त ने अपने पत्र में कहा है कि गंडक पार के पिपरासी प्रखंड का बैरी स्थान, मंझरिया, मझरिया खास, श्रीपतनगर, नैनहा, भैसही और कतकी गांव में जाने के लिए प्रशासन के साथ ग्रामीणों को यूपी होकर आना-जाना पडता है. यही हाल यूपी के कुशीनगर जिले के मरछहवा, नरसिंहपुर, शिवपुर, बालगोविंद, बसंतपुर, हरिहरपुर व नरैनापुर गांव का है.

ये गांव बिहार के बगहा पुलिस जिले से सटे हैं. यहां यूपी प्रशासन को जाने के लिए नेपाल और बिहार की सीमा से होकर जाना पडता है. यूपी प्रशासन को इन गांवों में पहुंचने के लिए 20 से 25 किलोमीटर की अतरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है. दोनों राज्यों के गांवों की अदला-बदली होने पर विकास के साथ आवागमन का मार्ग भी प्रशस्त होगा.

आयुक्त ने इसको लेकर जिलाधिकारी को भूमि का प्रस्ताव तैयार कर भेजने को कहा है ताकि प्रस्ताव के अनुमोदन को लेकर भारत सरकार को भेजा जा सके. दोनो राज्यों के बीच गांवों की अदला-बदली से सीमा विवाद खत्म होगा. इससे भूमि विवाद के मामले भी खत्म हो जाएंगे. किसानों को खेती-बाड़ी में सहूलियत होगी.

उल्लेखनीय है कि बगहा अनुमंडल के नौरंगिया थाने के मिश्रौलिया मौजा के किसान विगत कुछ वर्षों से भूमि के सीमांकन को लेकर आमने सामने हो जा रहे हैं. साथ ही प्रशासनिक स्तर पर भी सीमा को लेकर कई बार मापी करवाई की जा चुकी है. प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ से सीमांकन खत्म हो जाता है. इसके बाद किसानों के बीच भूमि विवाद शुरू हो जाता है.

यूपी व बिहार के दर्जनभर गांव एक-दूसरे की सीमा से सटे हैं. इन गांवों में आने-जाने के लिए एक-दूसरे के राज्यों से होकर ही जाया जा सकता है. बाढ़ व अन्य आपदा के समय लोगों तक राहत पहुंचाने में दोनों ही राज्यों की सरकार व प्रशासन को परेशानी होती है. यूपी और बिहार की सीमा से सटे गांवों की अदला-बदली से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है.

उनका कहना है कि ऐसा हुआ तो गांव के विकास का रास्ते खुल जाएंगे. प्रखंड और जिला मुख्यालय जाने के लिए 25 से 30 किलोमीटर की ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. इलाके का सामाजिक और आर्थिक विकास भी होगा. किसानों को भी खेतीबारी में आसानी होगी. 

Web Title: Bihar and Uttar Pradesh Kushinagar Bagaha Seven-seven villages will be swapped proposal central government

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