बिहारः डीएम कृष्णैया हत्याकांड में आनंद मोहन की रिहाई पर नीतीश सरकार निशाने पर, ललन सिंह उतरे बचाव में
By एस पी सिन्हा | Updated: April 25, 2023 15:50 IST2023-04-25T15:42:52+5:302023-04-25T15:50:43+5:30
जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने के नीतीश सरकार के फैसले से बिहार सरकार भी निशाने पर है।

विपक्षी दल भाजपा सहित कई अन्य राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की ओर से इस पर आपत्ति जताई गई है।
पटनाः बिहार में गोपालगंज जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारवास की सजा काट रहे आनंद मोहन की रिहाई पर सियासत गर्मा गई है। जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने के नीतीश सरकार के फैसले से बिहार सरकार भी निशाने पर है।
नीतीश सरकार के इस निर्णय के बाद विपक्षी दल भाजपा सहित कई अन्य राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की ओर से इस पर आपत्ति जताई गई है। कहा गया कि कानून बदलने से कई ऐसे अपराधियों की रिहाई का रास्ता साफ हो जाएगा जो बिहार में कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकते हैं।
भाजपा आईटी सेल के मुख्य प्रभारी अमित मालवीय के द्वारा जोरदार निशाना साधा है। इसके बाद जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा पलटवार किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अभी तक भाजपा अपनी ’बी’ टीम से वार करवा रही थी, अब खुद खुलकर सामने आ गई है।
My exclusive with Anand Mohan Singh . #Anand mohan Singh. https://t.co/kNvqQ2kvjA
— Raman Rai (@journal_raman) April 25, 2023
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'आनंद मोहन की रिहाई पर अब भाजपा खुलकर आई है। पहले तो यूपी की अपनी ’बी’ टीम से विरोध करवा रही थी। भाजपा को यह पता होना चाहिए कि नीतीश कुमार के सुशासन में आम व्यक्ति और खास व्यक्ति में कोई अंतर नहीं किया जाता है। आनंद मोहन ने पूरी सजा काट ली और जो छूट किसी भी सजायाफ्ता को मिलती है।
वह छूट उन्हें नहीं मिल पा रही थी क्योंकि खास लोगों के लिए नियम में प्रावधान किया हुआ था। नीतीश कुमार ने आम और खास के अंतर को समाप्त किया और एकरूपता लाई तब उनकी रिहाई का रास्ता प्रशस्त हुआ। अब भाजपाईयों के पेट में न जाने दर्द क्यों होने लगा है....!
भाजपा का सिद्धांत ही है विरोधियों पर पालतू तोतों को लगाना, अपनों को बचाना और विरोधियों को फंसाना... वहीं नीतीश कुमार के सुशासन में न तो किसी को फंसाया जाता है न ही किसी को बचाया जाता है।' इस ट्वीट के साथ ललन सिंह ने बसपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अमित मालवीय के ट्वीट का स्क्रीनशॉट अटैच किया है।
यहां बता दें कि अमित मालवीय ने बिहार सरकार के फैसले की कॉपी को ट्वीट करते हुए लिखा था कि 'नीतीश सरकार के लिए शर्म की बात है। सरकारी ऑफिसर की ड्यूटी के दोरान हत्या के दोषी की रिहाई के लिए 2012 के जेल मैनुअल में बदलाव किया गया है। आरजेडी के नेता ने दलित आईएएस जी. कृष्णैया की हत्या की है।'