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पटना हाईकोर्ट से नीतीश सरकार को मिली बड़ी राहत, जातीय सर्वेक्षण पर अब होगी 9 मई को सुनवाई

By एस पी सिन्हा | Updated: May 6, 2023 17:34 IST

बता दें कि बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण का काम 80 फीसदी पूरा कर लिया गया है, लेकिन उसे 100 फीसदी करने के लिए और समय की जरूरत है। ऑफलाइन का काम भी करीब-करीब पूरा हो चुका है, ऐसे में बाकी आंकड़े को ऑनलाइन कलेक्ट करना है।

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ठळक मुद्देपटना हाईकोर्ट से सीएम नीतीश कुमार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने कहा है कि वह अब जातीय सर्वेक्षण पर 9 मई को सुनवाई करेगी।बता दें कि जाति आधारित सर्वेक्षण का काम 80 फीसदी पूरा कर लिया गया है।

पटना: पटना हाईकोर्ट के द्वारा जातीय सर्वेक्षण पर अंतरिम रोक लगाए जाने से परेशान नीतीश सरकार को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख में बड़ा बदलाव किया है। पहले जहां सुनावाई के लिए तीन जुलाई का समय निर्धारित था, वहीं अब यह सुनवाई आगामी नौ मई को होगी।

हाई कोर्ट ने 9 मई की तारीख तय की है

बता दें कि जातीय सर्वेक्षण पर पटना हाईकोर्ट की रोक के बाद बिहार सरकार ने मामले में जल्द सुनवाई का आग्रह किया था। इस पर हाईकोर्ट तैयार हो गया है और नौ मई की तारीख तय की है। इस दिन ही हाईकोर्ट यह तय करेगा कि पहले से तय तीन जुलाई की तारीख को कब फिक्स किया जाए। महाधिवक्ता पी के शाही के मुताबिक पटना हाई कोर्ट ने इस केस में अंतरिम आदेश दिया है। वहीं आखिरी सुनवाई के लिए अदालत ने तीन जुलाई की तारीख तय की है। लेकिन इस मामले में जल्द सुनवाई जरुरी है। 

इससे पहले हाई कोर्ट ने क्या कहा था

ऐसे में कोर्ट ने उनकी याचिका मंजूर करते हुए दायर की गई इंट्रोलोकेट्री एप्लीकेशन पर नौ मई को सुनवाई की तारीख तय कर दी है। मामले में पिटीशनर के वकील दीनू कुमार ने भी यह जानकारी दी है। बता दें कि हाईकोर्ट ने पिछले गुरुवार (4 मई) को जाति आधारित सर्वेक्षण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। 

हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए। मामले पर अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी। गौर करने वाली बात यह है कि जाति आधारित सर्वेक्षण का काम 80 फीसदी पूरा कर लिया गया है, लेकिन उसे 100 फीसदी करने के लिए और समय की जरूरत है। 

सर्वेक्षण खत्म होने से पहले ही कोर्ट ने रोक लगा दी थी

ऑफलाइन का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है, बाकी आंकड़े को ऑनलाइन कलेक्ट करना है। सात जनवरी से शुरू हुई सर्वेक्षण 15 मई को खत्म होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। कैबिनेट से पूरी सर्वेक्षण पर 500 करोड़ खर्च करने की मुहर लगी है, लेकिन इसे कानूनी रूप नहीं दिया गया है।

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