गुजरात में 'आप' को तगड़ा झटका, विधायक भूपत भयानी ने दिया इस्तीफा, हो सकते हैं भाजपा में शामिल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 14, 2023 07:15 AM2023-12-14T07:15:08+5:302023-12-14T07:20:27+5:30
दिल्ली और पंजाब में शासन करने वाली अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का गुजरात किला दरकने लगा है। जी हां, 'आप' विधायक भूपत भयानी ने पार्टी नींव से सियासत की ईंट को खिसकाते हुए आप के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
अहमदाबाद: दिल्ली और पंजाब में शासन करने वाली अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का गुजरात किला दरकने लगा है। जी हां, 'आप' विधायक भूपत भयानी ने पार्टी नींव से सियासत की ईंट को खिसकाते हुए आप के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक साल 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगी आम आदमी पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा, जब गुजरात के विसावदर विधानसभा सीट से जीतकर आने वाले पार्टी के विधायक भूपत भयानी ने न केवल पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया बल्कि उन्होंने राज्य विधानसभा से भी अपना त्यागपत्र दे दिया है।
भूपत भयानी ने बुधवार को अपना इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह जनता की सेवा करना चाहते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बात से प्रभावित हैं कि वो अपने काम के जरिये इस देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं।
गुजरात में अरविंद केजरीवाल के बेहद खास समझे जाने वाले भयानी ने कहा, "मैं जनता सेवक हूं और जनता की सेवा करना चाहता हूं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का कद दुनिया भर में बढ़ा है। मैं इस बात से बहुत प्रभावित हूं कि कैसे नरेंद्र मोदी ने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।"
इसके साथ पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि वह सच्चे राष्ट्रवादी हैं और इस कारण उन्हें लगता है कि वो आम आदमी पार्टी में रहकर देश की सेवा नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने कहा, "चूंकि मैं राष्ट्रवादी हूं, इसलिए आम आदमी पार्टी में रहकर देश की सेवा नहीं कर पाऊंगा। इसलिए मैंने आम आदमी पार्टी और गुजरात विधानसभा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।"
इस्तीफा देने के बाद एक पत्रकार के इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल राष्ट्रवादी नहीं हैं, भयानी ने कहा, "हर कोई राष्ट्रवादी है। हालांकि मुझे आम आदमी पार्टी में उस तरह से काम करने के लिए उपयुक्त मंच नहीं मिला, जैसा मैं चाहता था। इसलिए मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।"
चूंकि त्यागपत्र देने के बाद पूर्व विधायक भयानी जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे थे, एक पत्रकार उनसे सवाल किया कि क्या वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बारे में विचार कर रहे हैं। पूर्व आप विधायक ने कहा, "इस सवाल का जवाब केवल समय ही बताएगा कि मैं भाजपा शामिल हो सकता हूं या नहीं।"
भयानी ने आम आदमी पार्टी से भी विधायकों के राष्ट्रवाद के नाम पर इस्तीफे देन के सवाल पर कहा, ''मुझे नहीं पता कि कोई और ऐसा करेगा, मैंने अपनी समझ से अपना फैसला चुना है।''
मालूम हो कि भूपत भयानी आम आदमी पार्टी के उन पांच विधायकों में से एक थे, जिन्होंने बीते गुजरात विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी के टिकट से चुनाव जीते थे। उन्होंने विसावदर निर्वाचन क्षेत्र में 7,063 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। विसावदर सीट पर भयानी को जहां 65675 वोट मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार हर्षद कुमार रिबदिया को 58,771 वोट मिले थे।
इस घटना से पहले बीते साल दिसंबर में भी भीपत भयानी ने संकेत दिया था कि अगर उनके निर्वाचन क्षेत्र में किसानों और लोगों को लाभ होता है तो वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा था, "मैं 2001 से बीजेपी से जुड़ा हूं और मैंने दो साल पहले बीजेपी छोड़ दी थी। मैं बचपन से ही आरएसएस की विचारधारा के साथ बड़ा हुआ हूं इसलिए मेरी सोच स्पष्ट है। फिलहाल मैं बीजेपी में शामिल नहीं होने जा रहा हूं। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से बात करूंगा और फिर निर्णय लूंगा।"
भूपत भयानी ने कहा था, "बीजेपी में शामिल होने की मेरी कोई योजना नहीं है, लेकिन अगर इससे किसानों और मेरे क्षेत्र के लोगों को फायदा होता है, तो मैं भाजपा में शामिल हो सकता हूं, लेकिन वह भी लोगों से सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला लूंगा।"