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Bhopal: इन्हें बैसाखी की मदद से चलना और खेलना भी आता है, क्रिकेट मैदान पर दिव्यांगों ने जड़े चौके-छक्के

By आकाश सेन | Updated: December 9, 2023 18:30 IST

भोपाल:ओल्ड कैंपियन मैदान पर दिव्यांगों के लिए क्रिकेट टूर्नामेंट का अनोखा आयोजन। पुरुषों के साथ महिला टीमें भी शामिल। जम्मू-कश्मीर व मप्र की टीमों ने जीते मुकाबले।

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ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर की दिव्यांग महिलाएं पहली बार क्रिकेट खेलने के लिए अपने राज्य से बाहर निकलीं।पुरुष व्हीलचेयर क्रिकेट खिलाड़ियों ने अपने हुनर से चौकायाचौके छक्के क्रिकेट मैदान पर दिव्यांगों ने जड़े चौके-छक्के

भोपाल: हौसलें और हैरतअंगेज करतबों से भरा रोमांच से भरने देने वाली ये तस्वीर है। भोपाल के ओल्ड कैम्पियन मैदान की । जहां पहली बार नेशनल दिव्यांग महिल क्रिकेट और पुरुष व्हीलचेयर टूर्नामेंट चैम्पियनशीप का आयोजन किया जा रहा है। दरअसल आपने अभी तक दिव्यांगों को किसी सहारे से चलते देखा होगा । लेकिन ये तस्वीरे आपको बता रही होगी कि अपने हौसले और जूनन के बल पर कैसे ये खिलाड़ी क्रिकेट की पिच पर चौका-छक्का जमाते नजर आ रहे है।  उन्हें बैसाखी की मदद से चलना भी आता है और खेलना भी, बस जरुरत है तो उन्हे हौसला और संबल देने की ।

उमंग गौरवदीप वेलफेयर सोसाइटी द्वारा दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सहयोग से पहली बार आयोजित कराएं जा रहे।  महिला दिव्यांगजन क्रिकेट और पुरुष व्हीलचेयर टूर्नामेंट में मेजबान टीमें मध्य प्रदेश, तमिलनाडू, उडीसा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और  आंध्रप्रदेश की टीमें भाग ले रही हैं।  जिससे दिव्यांग महिलाओं को भी क्रिकेट के खेल में आगे बढ़ाया जा सके।  संस्था की अध्यक्ष ने बताया कि ये महिला दिव्यांग क्रिकेट का आयोजन देश में पहली बार भोपाल में हो रहा है। हमारी कोशिश है कि दिव्यांग हुनरमंद महिला खिलाड़ियों को एक मंच मिले इसके तहत ही ये आयोजन कराया जा रहा है ।

इस विशेष क्रिकेट टूर्नामेंट में खासबात ये भी है कि खिलाड़ी व्हीलचेयर पर बैठकर ही ना सिर्फ गेंदबाजी बल्कि बालिंग करते हुए भी नजर आएं। फील्डिंग में जबरदस्त तरीके से खिलाड़ियों ने अपना हुनर दिखाया। इस टूर्नामेंट में शामिल हुई जम्मू कश्मीर टीम की खान शाहिन कप्तान  कहा कि दिव्यांग भी आम लोगों की तरह जीवन जी सकते है। सिर्फ हमें स्पोर्ट मिले तो हम किसी से कम नहीं, आज हम यहां अपने हौसलों के बल पर आएं है। और आगे हम देश के लिए खेलना चाहते है। हालाकी खिलाड़ियों ने ट्रेन में सफर के दौरान हुई मुश्किलों का भी जिक्र किया और कहा कि दिव्यांगों को रेल यातायात के समय उचित मदद नहीं मिलती ।

तो देखा आपने हौसलें और लक्ष्य निर्धारित कर इन दिव्यांग महिला और पुरुष खिलाड़ियों ने सभी को अपने हुनर से चौकाया है और ये भी बताया है कि हम दिव्यांग जरुर है लेकिन किसी से कम नही... जरुरत है ऐसे दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए आप और हम सबकों मिलकर  इनकी मदद करने की।

टॅग्स :भोपालMadhya Pradeshक्रिकेट
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