भीमा कोरेगांव हिंसा: एक्टविस्ट रोना विल्सन के पेनड्राइव, हार्डडिस्क की पुलिस कराएगी फोरेंसिक जांच
By रामदीप मिश्रा | Published: June 7, 2018 02:13 PM2018-06-07T14:13:36+5:302018-06-07T14:13:36+5:30
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों पर पुलिस को माओवादियों से जुड़े होने को लेकर संदेह है।
पुणे, 07 जून: एक जनवरी को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में माओवादियों से कथित तौर पर जुड़ाव के लिए बुधवार को मुंबई, नागपुर और दिल्ली से नामी दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले, रोना जैकब विल्सन सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद गुरुवार को पुणे पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त रवींद्र कदम ने इन गिरफ्तारियों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 8 जनवरी को जो एफआईआर दर्ज की गई उनमें कई आरोपी ऐसे भी हैं, जिनका पहले भी नक्सलियों के साथ संबंधों को लेकर नाम सामने आ चुका है। हम उनके जुड़े तारों की जांच कर रहे थे और इस संबंध में, हमने उनमें से कुछ के घरों पर छापा भी मारा।
From Rona Wilson's house we recovered pen drive, hard disk & some other documents which were sent to forensics. We also got to know Rona Wilson's & Surendra Gadling's connection with naxals: Ravindra Kadam, Joint Police Commissioner, Pune on arrests made in #BhimaKoregaon case pic.twitter.com/ae5IPQbH4w
— ANI (@ANI) June 7, 2018
कोरेगांव हिंसा के आरोपी रोना जैकब विल्सन को दिल्ली के मुनीरिका स्थित डीडीए फ्लैट से गिरफ्तार किया है, जिसको लेकर रविंद्र कदम ने कहा, 'रोना विल्सन के घर से हमने पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और कुछ अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। हमें रोना विल्सन और सुरेंद्र गडलिंग के नक्सलियों के साथ संबंध का भी पता चला है।
Among the accused registered in FIR on 8 Jan, some were previously booked for having links with naxals. We were investigating their links & in this connection, we raided houses of some of them: Ravindra Kadam, Joint Police Commissioner, Pune on arrests made in #BhimaKoregaon case pic.twitter.com/1fLUQNxlK2
— ANI (@ANI) June 7, 2018
पुणे पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त रवींद्र कदम ने बताया, टविश्रामबाग थाने में दर्ज मामले की छानबीन के दौरान हमने राज्य के विभिन्न स्थानों पर जांच की। जांच के दौरान हमें कुछ ऐसे सबूत मिले जिससे संकेत मिलता है गिरफ्तार किये गए सभी लोगों का माओवादियों के साथ जुड़ाव था।'
आपको बता दें, पुणे पुलिस ने बुधवार सुबह एक साथ कई छापे के दौरान धावले को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया, वकील सुरेंद्र गाडलिंग, एक्टिविस्ट महेश राउत और शोमा सेन को नागपुर से और रोना विल्सन को दिल्ली में मुनिरका स्थित उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था। धावले एल्गार परिषद के आयोजकों में थे।
शनिवारवडा में 31 दिसंबर को भीमा कोरेगांव लड़ाई के 200 साल पूरे होने के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम (एल्गार परिषद) में गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद, रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला और भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने भी हिस्सा लिया था। केकेएम के सदस्यों के खिलाफ तुषार दमगुडे ने शिकायत दर्ज करायी थी ।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुधीर धावले, सागर गोरखे, हर्षाली पोतदार, रमेश गेचोर, दीपक डेंगले और ज्योति जगतप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी ।
विश्रामबाग थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसके कारण जिले के कोरेगांव भीमा में हिंसा हुई। पुलिस ने बताया था कि सुधीर धावले दलित कार्यकर्ता और मराठी पत्रिका विद्रोही के संपादक हैं जबकि नागपुर के वकील सुरेंद्र गाडलिंग भी दलितों और आदिवासियों के लिए काम करते हैं। शोमा सेन नागपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और उनके पति तुषार क्रांति भट्टाचार्य को नक्सलियों से कथित जुड़ाव के लिए 2010 में नागपुर स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था।
महेश राउत का भी माओवादियों से जुड़ाव होने की बात कही जा रही है। केरल के निवासी रोना विल्सन (47) दिल्ली में रहते हैं और कमेटी फोर रिलीज ऑफ पोलिटिकल प्रिजनर्स से जुड़े हुए हैं।
(खबर इनपुट-भाषा)