5 एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी पर पुणे पुलिस ने दी सफाई, कहा- मिले थे सबूत, बड़े नेताओं को निशाना बनाने का था प्लान
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 29, 2018 06:08 PM2018-08-29T18:08:58+5:302018-08-29T18:57:24+5:30
महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को गौतम नवलखा, अरुण परेरिया, वरनन गोनसॉल्विस, वरवर राव और सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली, 29 अगस्त: पुणे पुलिस ने पाँच सोशल एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी पर कहा है कि उसे ऐसे सबूत मिले थे कि देश के प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को निशाना बनाया जा सकता है।
पुणे पुलिस ने मंगलवार (28 अगस्त) को देश कह छह शहरों में कम से कम 10 सामाजिक कार्यकर्ताओं के घरों पर छापे मारे और पाँच एक्टिविस्टों को गिरफ्तार किया।
नरेंद्र मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने भी महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि पुलिस को हतोत्साहित नहीं करना चाहिए।
अहीर ने कहा, "भीमा कोरेगाँव हिंसा हमारे देश और संविधान पर गहरा धक्का था। जातिगत मतभेद को बढ़ावा देने की योजना अब खुलेआम सामने आ चुकी है और पुलिस कार्रवाई कर रही है। अदालत अपनी जगह मौजूद हैं और जिसे लगता है कि वो मासूम है वो कोर्ट जाकर जमानत ले सकता है।"
महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को गौतम नवलखा, अरुण परेरिया, वरनन गोनसॉल्विस, वरवर राव और सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (29 अगस्त) को मामले की सुनवाई करते हुए सभी एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी पर पाँच सितम्बर तक के लिए रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि छह सितम्बर को मामले की अगली सुनवाई तक सभी अभियुक्तों को नजरबंद रखा जाए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार (28 अगस्त) को ही गौतम नवलखा और सुधा भारद्वाज के ट्रांजिट रिमाण्ड पर रोक लगा दी थी।
वहीं महाराष्ट्र पुलिस तेलुगु कवि वरवर राव, अरुण परेरिया और वरनन गोनसॉल्विस को पुणे लेकर जा चुकी है।
It's not right to demoralise police. #BhimaKoregaonViolence was serious blow to our nation&consitution. Plot of igniting caste tensions is out in open now, & police are taking action. Courts are there & if they think they're innocent, then they can seek bail:Hansraj Ahir,MoS Home pic.twitter.com/bbvUnf3BYW
— ANI (@ANI) August 29, 2018