105 साल की उम्र में भागीरथी अम्मा की उम्मीद कायम, चौथी कक्षा की परीक्षा में पाए 74.5 प्रतिशत अंक

By भाषा | Updated: February 16, 2020 11:05 IST2020-02-16T11:00:35+5:302020-02-16T11:05:55+5:30

शादी के बाद परिवार बढ़ा और वह छह बच्चों की मां बन गईं। उनकी मुश्किलें उस वक्त और बढ़ गईं, जब उनके पति का देहांत हो गया और परिवार की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई।

Bhagirathi Amma hopes at the age of 105, 74.5% marks in fourth standard examination | 105 साल की उम्र में भागीरथी अम्मा की उम्मीद कायम, चौथी कक्षा की परीक्षा में पाए 74.5 प्रतिशत अंक

75 साल की उम्र में बनाया रिकॉर्ड

Highlightsजीवन की इस आपाधापी में भागीरथी की पढ़ने की चाह पर जिम्मेदारियों की कई परतें जमती चली गईं। भागीरथी ने गणित को आसान विषय बताया था और गणित की परीक्षा में 75 में से 75 अंक लेकर उन्होंने इसे साबित भी कर दिया।

शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती और इस बात को सच कर दिखाया है 105 साल की भागीरथी अम्मा ने । केरल की 105 साल की भागीरथी अम्मा ने इस उम्र में चौथी कक्षा के स्तर की परीक्षा बड़े अच्छे नंबरों के साथ उत्तीर्ण की है। भागीरथी ने नौ बरस की उम्र में मां के देहांत के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और उसके बाद भाई बहनों की देखभाल में इतनी व्यस्त हुईं कि पढ़ने के बारे में सोच ही नहीं पाईं।

शादी के बाद परिवार बढ़ा और वह छह बच्चों की मां बन गईं। उनकी मुश्किलें उस वक्त और बढ़ गईं, जब उनके पति का देहांत हो गया और परिवार की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। जीवन की इस आपाधापी में भागीरथी की पढ़ने की चाह पर जिम्मेदारियों की कई परतें जमती चली गईं। समय अपनी रफ्तार से गुजरता रहा और भागीरथी ने अपने जीवन का सैकड़ा पार कर लिया।

यह वह समय था जब वह अपनी सभी जिम्मेदारियां बखूबी निभा चुकी थीं। अब उनके छह बच्चों के साथ 16 नाती पोते और 12 पड़नाती पड़पोते भी थे। हालांकि वक्त के गुजरते सालों का असर दिखने लगा था। आंखों की रौशनी धुंधलाने लगी, दांत गिर गए और शरीर कमजोर होने लगा। इस सब के बीच भागीरथी ने दिल के एक कोने में सहेजकर रखी पढ़ाई करने की चाह को धीरे से निकाल लिया। लेकिन तमाम जिम्मेदारियों से मुक्त होने के बाद भागीरथी अम्मा को अपने दिल के किसी कोने में दबे पड़े इस सपने की धूल साफ करने की चाहत जाग उठी।

इसी के चलते उन्होंने पिछले वर्ष राज्य के साक्षरता अभियान में पंजीकरण कराया और छह फरवरी को घोषित किए गए परिणामों में उन्हें चौथी कक्षा के स्तर की परीक्षा में 74.5 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण घोषित किया गया। अपने एक पुराने इंटरव्यू में भागीरथी ने गणित को आसान विषय बताया था और गणित की परीक्षा में 75 में से 75 अंक लेकर उन्होंने इसे साबित भी कर दिया। उनके अन्य विषयों में मलयालम, अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान शामिल थे।
 

उन्हें मलयालम में 50 में से 30 अंक मिले, जबकि अंग्रेजी और मलयालम में 70 में से 50-50 अंक लेकर कुल 275 में से 205 अंक हासिल किए। वर्ष 2019 में राज्य के कुल 11,593 लोगों ने साक्षरता मिशन के तहत चौथी कक्षा की परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से 10,012 ने यह परीक्षा पास कर ली। मजे की बात यह है कि इन 10 हजार से अधिक लोगों में 9,456 महिलाएं हैं। राज्य के पथनमतिट्ठा इलाके में 385 लोगों ने परीक्षा में शिरकत की और सभी को उत्तीर्ण घोषित किया गया।

वर्ष 2018 में 96 बरस की कात्यायिनी अम्मा ने 100 में से 98 अंक लेकर इतिहास रच दिया था। कात्यायिनी को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया था और राष्ट्रमंडल प्रतिनिधि ने उनके घर जाकर उनका सम्मान किया। तीन दिन में अपनी चार परीक्षाओं के जवाब लिखने वाली भागीरथी की असाधारण उपलब्धि पर केरल राज्य साक्षरता मिशन की निदेशक पी एस श्रीकला ने प्राक्कुलम स्थित उनके घर जाकर उन्हें बधाई दी। अपनी सफलता से आह्लादित भागीरथी का इरादा अब 10वीं स्तर की परीक्षा देने का है।  

Web Title: Bhagirathi Amma hopes at the age of 105, 74.5% marks in fourth standard examination

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