'भगत सिंह को शहीद का दर्जा देने की संभावना तलाशे गृहमंत्रालय'

By भाषा | Updated: November 1, 2018 20:05 IST2018-11-01T20:05:33+5:302018-11-01T20:05:33+5:30

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि सरकार स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करती है, पेंशन देती है, लेकिन भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के परिवार को वित्तीय सहायता देना तो दूर, उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जाता।

Bhagat Singh can be declared martyr | 'भगत सिंह को शहीद का दर्जा देने की संभावना तलाशे गृहमंत्रालय'

'भगत सिंह को शहीद का दर्जा देने की संभावना तलाशे गृहमंत्रालय'

केंद्रीय सूचना आयोग ने गृह मंत्रालय से सिफारिश की है कि वह भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिए जाने संबंधी संभावनाएं तलाशे। उसने यह भी कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जा सकता तो इसके लिए भी सरकार के पास विस्तृत स्पष्टीकरण होना चाहिए।

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि सरकार स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करती है, पेंशन देती है, लेकिन भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के परिवार को वित्तीय सहायता देना तो दूर, उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जाता।

मामला एक आरटीआई आवेदन से जुड़ा है, जिसमें सरकार से यह सवाल पूछा गया है कि भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिया जा सकता है या नहीं और इसके लिए कानूनी सीमाएं क्या हैं। भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों राजगुरु और सुखदेव को लाहौर साजिश मामले में 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी थी। 

आवेदक ने राष्ट्रपति भवन से सवाल किया था, जिसने अनुग्रह गृह मंत्रालय को भेज दिया और उसने बदले में इसे राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास प्रतिक्रिया के लिए भेजा। संतोषजनक प्रतिक्रिया ना मिलने पर आवेदक ने जानकारी के प्रकटीकरण के लिए आयोग का रुख किया।

आचार्युलु ने कहा, ‘‘भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा देने की मांग हर वर्ष उनकी जयंती और पुण्यतिथि के आस-पास की जाती है। कोट लखपत जेल में मारे गए सरबजीत सिंह को पंजाब सरकार ‘‘राष्ट्रीय शहीद’’ घोषित कर चुकी है, लेकिन भगत सिंह और अन्य को नजरअंदाज किया गया।’’

उन्होंने कहा कि एक समाचार पत्र में 20 मई को छपी खबर में कहा गया था कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का कहना है कि इन तीनों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता क्योंकि इसका कोई वैधानिक आधार नहीं है।

आचार्युलु ने इस बात का भी उल्लेख किया कि पंजाब सरकार ने दावा किया है कि किसी को भी "शहीद" के रूप में कोई आधिकारिक मान्यता नहीं दी जा सकती है, क्योंकि संविधान की धारा 18 के तहत राज्य को कोई ‘उपाधि’ देने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा कि ताज्जुब है कि कांग्रेस और गैर कांग्रेसी सरकारों ने महान वीरों भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय सेना का हिस्सा रहे लोगों और अन्य क्रांतिक्रारियों को पूरी तरह नजरअंदाज किया।

आचार्युलु ने राजग सरकार और गृह मंत्रालय से अवादेक के अनुग्रह पर गौर करने और भगत सिंह और अन्य को आधिकारिक तौर पर शहीद का दर्जा दिया जा सकता है या नहीं इसकी संभावना तलाशने और इसके लिए उचित स्पष्टिकरण देने की सिफारिश की है।

Web Title: Bhagat Singh can be declared martyr

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