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बैटल ग्राउंड्स मोबाइल इंडिया को क्यों किया गया बैन, गेम बनाने वाली कंपनी का सामने आया बयान, गूगल ने भी बताई वजह

By मेघना सचदेवा | Published: July 30, 2022 1:38 PM

हाल ही में मोस्ट पॉपुलर मोबाइल गेम में से एक बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया को गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से हटा दिया गया था।इसे पबजी का दूसरा वर्जन कहा जा रहा था। वहीं भारत सरकार की तरफ से पबजी गेम को 2020 में बैन कर दिया गया था। इससे पहले भी भारत की तरफ से जून 2020 में भारत की तरफ से टिकटॉक समेत 58 चीनी एप्स को बैन किया गया था।

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ठळक मुद्देक्राफ्टन वो कपंनी है जिसने बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया को बनाया है।इस महीने की शुरूआत में कंपनी ने ऐलान किया था कि गेम ने 100 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर पार कर लिए हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया कि वीडियो गेम खेलने से लोगों के मानसिक-स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है । 

पहले पबजी फिर उसी के जैसे फीचर्स वाला गेम या कहें कि उसका दूसरा वर्जन बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया भी बैन हो या है। ये कहा जा रहा है कि बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया को बनाने वाली कंपनी को इसके बारे में पहले से जानकारी दे दी गई थी। हालांकि पबजी के बाद अब उसके दूसरे वर्जन को क्यों बैन किया गया है और ये फैसला किसने और कब लिया। आइए जानते हैं। 

बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया बनाने वाली कंपनी ने क्या कहा

हाल ही में मोस्ट पॉपुलर मोबाइल गेम में से एक बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया को गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से हटा दिया गया था। इसके बाद क्राफ्टन का इस बैन को लेकर बयान सामने आया है। क्राफ्टन वो कपंनी है जिसने बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया को बनाया है। क्राफ्टन के बयान के मुताबिक उनकी तरफ से बैन को लेकर ज्यादा जानकारी तभी दी जाएगी जब उन्हे पूरी तरह से ये साफ कर दिया जाएगा कि आखिर ये बैन क्यों किया गया है। 

गूगल की तरफ से ये साफ कर दिया गया है कि भारत में प्लेस्टोर से बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया को हटा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक गूगल ने इसके बारे में पहले क्राफ्टन को बताया था। ये भी कहा गया कि हमने गेम को ब्लाक करने की पूरी जानकारी कंपनी को दी थी। हमने भारतीय सरकार के आदेश के तहत ऐसा किया है। 

भारत सरकार की तरफ से ऑर्डर मिलने के बाद एप्पल ने भी अपने स्टोर से इस ऐप को हटा दिया है। अब सवाल ये है कि जहां इस महीने की शुरूआत में ही बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया बनाने वाली कंपनी ने ऐलान किया था कि गेम ने 100 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर पार कर लिए हैं। वहीं अचानक इसे बैन करने का फैसला क्यों लिया गया। 

लखनऊ में पबजी की वजह से बेटे ने ली थी मां की जान

जहां इस मामले को लेकर भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। वहीं सरकार का ये फैसला लखनऊ में हुए एक हत्याकांड के लगभग महीने भर बाद सामने आया है। बता दें कि यूपी की राजधानी लखनऊ में एक 16 साल के लड़के पर अपनी मां का मर्डर करने का आरोप लगा था।  बेटे के बयान के मुताबिक उसने अपनी मां को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि वो उसे पबजी गेम खेलने से मना कर रही थी। हालांकि जब ये सब सामने आया तो सवाल ये उठे कि पबजी तो कब का बैन हो चुका है। बच्चा आखिर किस पबजी की बात कर रहा है। तब जाकर पता लगा कि बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया पबजी का ही दूसरा वर्जन है। 

राज्यसभा में भी उछला था मुद्दा

ये मुद्दा पिछले दिनों राज्यसभा में भी उछला था। संसद के सदस्य इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि क्या एक्शन गेम का बच्चों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। ऊपरी सदन एक मीडिया रिपोर्ट पर चर्चा कर रहा था जिसमें कहा गया था कि बच्चे ने गेम खेलते हुए अपनी मां को मार डाला था। मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने 22 जुलाई को कहा था कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि इसका पिछला वर्जन भारत में 2020 से बैन है। उन्होंने ये भी कहा था कि गेम के दूसरे वर्ज ने बच्चों पर पड़ रहे प्रभाव के कई मामले सामने आ चुके हैं।

उस वक्त ये रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी गई थी। वहीं गृह मंत्रालय की तरफ से पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए इस रिपोर्ट पर जांच को आगे बढ़ाया। गृह मंत्रालय को पबजी जैसे कई गेम मिले जिसका बस नाम अलग था। कहा जा रहा है कि इस तरह के मामलों को लेकर भी सरकार ने पबजी के दूसरे वर्जन को बैन करने का फैसला लिया है। हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। 

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में भी कहा गया है कि वीडियो गेम खेलने से लोगों के मानसिक-स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है । 

भारत में 2020 में बैन किया गया था पबजी

बता दें कि पबजी भारत में 2020 में बैन किया था। उस वक्त इसे बैन करने की वजह ये थी कि वो एक चीन की गेमिंग कंपनी का बनाया हुआ गेम था। इतना ही नहीं इस गेम के साथ 117 और एप को भी भारत में बैन किया था। इसे भारत की तरफ से चीन भी सर्जिकल स्ट्राइक कहा गया था। आरोप ये था कि ये एप भारत की जानकारी चीन के साथ साझा कर रही है जिससे भारत और भारतीयों की सुरक्षा को खतरा है। इसके कुछ वक्त बाद ही क्राफ्टन कपंनी बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया गेम लेकर आई जो पबजी का दूसरा वर्जन था। 

इससे पहले भी भारत की तरफ से जून 2020 में भारत की तरफ से टिकटॉक समेत 58 चीनी एप्स को बैन किया गया था। तब भारत और चीन के बार्डर पर दोनों देशों की आर्मी के  बीच तनाव ज्यादा बढ़ा हुआ था। 

टॅग्स :पबजी गेमगृह मंत्रालयचीनगूगल
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