कर्नाटक: बेंगलुरु की 204 में से केवल 20 झीलें अतिक्रमण मुक्त, 28 झीलों पर सरकारी संरचनाओं का अतिक्रमण
By विशाल कुमार | Updated: December 4, 2021 14:32 IST2021-12-04T14:28:48+5:302021-12-04T14:32:50+5:30
ये झीलें 6,426.47 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई हैं। इसमें से कुल 941.67 एकड़ झीलों पर कब्जा कर लिया गया है और बीबीएमपी अब तक केवल 38.30 एकड़ से अतिक्रमण हटाने में सक्षम है।

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
बेंगलुरु: बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के तहत 204 झीलें आती हैं लेकिन उसमें से केवल 20 झीलें अतिक्रमण मुक्त हैं। नगर निकाय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह पता चला है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ये झीलें 6,426.47 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई हैं। इसमें से कुल 941.67 एकड़ झीलों पर कब्जा कर लिया गया है और बीबीएमपी अब तक केवल 38.30 एकड़ से अतिक्रमण हटाने में सक्षम है।
28 झीलों के आसपास के क्षेत्र में 764.32 एकड़ का अतिक्रमण केवल सरकारी संरचनाओं जैसे रेलवे लाइनों, राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों द्वारा किया गया है।
अन्य 131 झीलों पर निजी और सरकारी दोनों संपत्तियों का अतिक्रमण किया गया है। इन 131 झीलों में से 324.827 एकड़ पर सरकारी एजेंसियों ने कब्जा कर लिया है, जबकि 248.98 एकड़ निजी संपत्तियों पर कब्जा कर लिया है।
उन्नीस झीलों को बीबीएमपी द्वारा अनुपयोगी के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि अनुपयोगी झीलें सूखी या बंजर भूमि हैं और ये अतिक्रमण की चपेट में हैं। अनुपयोगी झीलें 251.37 एकड़ में फैली हुई हैं, जिनमें से 230.62 एकड़ पर पहले ही कब्जा कर लिया गया है।
बीबीएमपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम झीलों से अतिक्रमण हटाने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई कर रहे हैं। हालांकि, सरकारी संपत्तियों को हटाना बहुत मुश्किल है। यह ज्यादातर देखा गया है कि अन्य के साथ बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने निर्माण किया है।
बीडीए शहर में पांच झीलों का प्रभारी है और एक झील की देखभाल कर्नाटक वन विभाग द्वारा की जाती है।