बंगाल NRC विवाद: ममता ने किया 11 लोगों के मरने का दावा, परिजनों ने कहा- एनआरसी कागजात खोने के डर से हो रही हैं मौतें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 29, 2019 08:56 AM2019-09-29T08:56:15+5:302019-09-29T08:56:15+5:30
असम में 31 अगस्त को प्रकाशित हुई एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रखे गए 19 लाख से ज्यादा लोगों में करीब 12 लाख हिंदू हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नागरिक पंजी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर रखे सम्मेलन को संबोधित करने के लिए एक अक्टूबर को शहर का दौरा करेंगे
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) ने राजनीतिक बहस का रूप ले लिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता जाने के डर से 11 लोगों द्वारा आत्महत्या करने का दावा किया है। इंडियन एक्सप्रेस ने अपने एक रिपोर्ट में सूबे के परिजनों के मुताबिक बताया कि एनआरसी कागजात खोने से डर से मौत हो रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल की हुसैननुर को डर है कि उनके पिता की तरह उनकी माती की मौत न हो जाए। तीन भाइयों को डर है कि वे अपनी बहन से कभी नहीं मिल पाएंगे जो दिल का दौरा पड़ने के बाद मर गयी। एक बेटी का कहना है कि उनके पिता और मां की मृत्यु हो गई क्यों उनके पास काम नहीं था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इन तीनों परिवार के परिजन इनके बीच नहीं हैं, जो एक कागजात के लिए संघर्ष कर रहे थे। वहीं, एनआरसी लागू होने के बाद घर की जमीन से संबंधित कागजात नहीं मिलने पर परेशान होकर कई लोगों की मौत हो गई।
इससे पहले खबरें थी कि भाजपा शासित असम में अंतिम एनआरसी सूची से बड़ी संख्या में हिंदू बंगालियों के नाम बाहर रह जाने के कारण लोगों के बीच दहशत फैली जिससे राज्य में 8 मौतें हो चुकी थी। वहीं सरकरी सूत्रों के मुताबिक 4 लोगों ने पुराने दस्तावेज नहीं जुटा पाने के कारण खुदकुशी कर ली और चार लोग कतारों में ही गश खाकर मौत के शिकार हो गए।
वहीं, भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने जोर दिया कि राज्य में एनआरसी लागू की जाएगी लेकिन किसी हिंदू को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा। बनर्जी ने प्रखंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) एवं लोक प्रतिनिधियों से प्रत्येक घर जाने और भारत की नागरिकता छिनने के डर संबंधी लोगों की चिंताओं को दूर करने को कहा।
भाजपा बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है। भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने हालांकि कहा है कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार की जाएगी लेकिन किसी भी हिंदू को इससे बाहर नहीं रखा जाएगा। उन्होंने यहां पश्चिम मिदनापुर जिले के डेबरा में प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “कितने लोग मर गए हैं। एनआरसी को लेकर फैली अफरा-तफरी में अब तक 11 लोग मारे जा चुके हैं। मैं लोगों का डर दूर करने के लिए सरकारी अधिकारियों एवं लोक प्रतिनिधियों से अपने-अपने इलाके में प्रत्येक घर में जाने को कहूंगी।”
मालूम हो कि असम में 31 अगस्त को प्रकाशित हुई एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रखे गए 19 लाख से ज्यादा लोगों में करीब 12 लाख हिंदू हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नागरिक पंजी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर रखे सम्मेलन को संबोधित करने के लिए एक अक्टूबर को शहर का दौरा करेंगे