कोलकाता, 28 दिसंबर पश्चिम बंगाल वन विभाग ने सुंदरबन बाघ अभयारण्य में एक नर बाघ को रेडियो कॉलर लगाया है। एक शीर्ष वन अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मुख्य वन्यजीव वार्डन वी के यादव ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि ‘सेफगार्ड टाइगर’ (बाघों की सुरक्षा से जुड़ा) अभियान से बाघों के वास स्थान समेत उनके व्यवहार को समझने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ नर बाघ को 26-27 दिसंबर को रेडियो कॉलर लगाया गया और उसे सुंदरबन बाघ अभयारण्य में छोड़ा गया ताकि रेडियो उपकरण के जरिए बाघ-मानव के बीच के पारस्परिक व्यवहार का आकलन हो सके।’’
रेडियो कॉलर एक ऐसा यंत्र है, जिसकी मदद से जानवरों की गतिविधियों का पता चलता है। यह अभियान सुंदरबन बाघ अभयारण्य के बशीरहाट रेंज में किया गया।
यादव ने कहा, ‘‘ हम इस पर सैटेलाइट डेटा के जरिए निगरानी करेंगे और इस निगरानी से विश्व वन्यजीव कोष भी जुड़ा है।’’
यादव ने कहा कि वन विभाग की योजना सुंदरबन में तीन और बाघों को सैटेलाइट रेडियो कॉलर लगाने की है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पिछले कुछ महीनों में सुंदरबन में बाघ के हमले में कई लोग हताहत हो चुके हैं।
हालांकि वन अधिकारी का कहना है कि सुंदरबन के बाघ नरभक्षी नहीं हैं और बाघों के हमले के बाद ज्यादातर ‘लोगों की मौत खून की भारी कमी की वजह से हुई क्योंकि उन्हें इलाज के लिए लाने में तीन से चार घंटे का समय लगा।
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