लाइव न्यूज़ :

बालिग होने से पहले ही मां बन जाती हैं बिहार की 4 प्रतिशत लड़कियां

By एस पी सिन्हा | Updated: August 27, 2018 20:09 IST

पटना के शहरी व ग्रामीण इलाकों में सेक्स रेशियो, एजुकेशन, विवाह, गर्भ निरोधक तरीकों के इस्तेमाल आदि पर भी सर्वे किया गया था। 

Open in App

पटना, 27 अगस्त:बिहार में 4 प्रतिशत लड़कियां बालिग होने से पहले ही मां भी बन जाती हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में यह सामने आया है कि पटना सहित पूरे बिहार में 18 फीसदी लड़कियों की शादी उनके बालिग होने से पहले ही कर दी जाती है और इसमें 4 प्रतिशत बालिग होने से पहले ही मां भी बन जाती  हैं। 

यह सर्वे 2016 व 2017 के बीच पूरे बिहार में किया गया था। इसमें पटना के शहरी व ग्रामीण इलाकों में सेक्स रेशियो, एजुकेशन, विवाह, गर्भ निरोधक तरीकों के इस्तेमाल आदि पर भी सर्वे किया गया था। इसके मुताबिक शहर क्षेत्र में 3 फीसदी, तो ग्रामीण क्षेत्र में 4.1 प्रतिशत लड़कियां बालिग होने से पहले मां बन जाती हैं। वहीं सर्वे यह भी बात सामने आई है कि बिहार में जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन की तमाम जिम्मेदारियां महिलाओं के कंधे पर ही डाली जा रही हैं। पटना सहित पूरे बिहार में नसबंदी के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले पांच साल में यह आंकड़ा लगातार गिरता जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण इलाकों में महिला नसबंदी का प्रतिशत 20.8 व शहरी क्षेत्रों 27.8 प्रतिशत है तो वहीं पुरुषों का यह प्रतिशत मात्र 0.1 है। सूत्रों की माने तो इन दिनों नसबंदी कार्यक्रम को लक्ष्य से मुक्त कर दिया है। जिस कारण स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। यही वजह है कि परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता कम देखने को मिल रही है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाये जा रहे नसबंदी कार्यक्रम में प्रदेश लगातार पिछड़ रहा है। पटना में पिछले एक साल में महज 28 पुरुषों व 1203 महिलाओं ने ही नसबंदी करवाई है। इसके अलावा मिनी लैप लगवाने वाली महिलाओं की संख्या 142 है। गर्भ निरोधक के तरीकों को इस्तेमाल करने में भी पुरुष महिलाओं से बहुत पीछे हैं।

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ नीलू प्रसाद ने बताया है कि परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने में महिलाओं की जागरूकता बढ़ी है। लेकिन पुरुषों में आज भी जागरूकता की कमी देखने को मिल रही है। डॉ नीलू प्रसव के आने लिए आने वाली प्रत्येक महिला को दो बच्चों के बीच तीन साल का गैप रखने और दूसरे बच्चे के बाद नसबंदी करवाने या कॉपर-टी लगवाने की सलाह देती हैं। उनका कहना है कि नसबंदी के मामले में पुरुष आगे आने से कतराते हैं और महिलाओं को ही आगे करते हैं।

सर्वे के अनुसार कॉपर टी लगवाने में शहरी क्षेत्र 2.3 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में मात्र 1.2 प्रतिशत महिलाओं मे इसमें अपनी सहमति प्रदान की। उसी तरह कंडोम के उपयोग में शहरी क्षेत्र 3.7 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में मात्र 1.8 प्रतिशत ने दिलचस्पी ली। वहीं, गर्भ निरोधक गोलियां का उपयोग शहरी क्षेत्र में 34.1 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 26.1 फीसदी महिलाओं ने किया। जबकि जागरूकता के मामले में शहरी क्षेत्र में 16.2 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 12.7 फीसदी महिलाओं ने दिलचस्पी ली। उसी तरह बच्चों में अंतर रखने के मामले में शहरी क्षेत्र में 9.2 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 10.3 फीसदी महिलाओं ने दिलचस्पी दिखाई।

टॅग्स :बिहार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण