मालेगांव सहकारी चीनी मिल चुनावः शरद पवार बनाम अजित पवार?, कौन मारेगा बाजी, 21 जून को मतदान और 24 जून को परिणाम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 18, 2025 18:14 IST2025-06-18T18:13:06+5:302025-06-18T18:14:37+5:30
baramati Malegaon Cooperative Sugar Mill Election: पवार परिवार के गृह क्षेत्र बारामती में सहकारी चीनी मिल के 21 सदस्यीय निदेशक मंडल के लिए चुनाव 22 जून को निर्धारित है और परिणाम 24 जून को घोषित किए जाएंगे।

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baramati Malegaon Cooperative Sugar Mill Election:महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बारामती में मालेगांव सहकारी चीनी मिल के लिए चुनाव मैदान में उतरने के बाद उनके चाचा शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) भी चुनाव मैदान में कूद पड़ी है और इसने एक प्रतिद्वंद्वी पैनल बनाया है। शरद पवार ने बुधवार को बारामती तालुका के आधा दर्जन गांवों के पार्टी कार्यकर्ताओं और चीनी मिल के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रचार के दौरान प्रलोभन दिए जा सकते हैं और वे उनके झांसे में न आएं। ये सदस्य ही चुनाव के लिए मतदाता हैं।
पवार परिवार के गृह क्षेत्र बारामती में सहकारी चीनी मिल के 21 सदस्यीय निदेशक मंडल के लिए चुनाव 22 जून को निर्धारित है और परिणाम 24 जून को घोषित किए जाएंगे। अजित पवार 90 उम्मीदवारों में से एक हैं। वह चार दशक से अधिक समय के बाद किसी सहकारी चीनी मिल का चुनाव लड़ रहे हैं। वह नीलकंठेश्वर पैनल के उम्मीदवार हैं, जिसका वर्तमान में चीनी मिल पर नियंत्रण है।
उम्मीदवार पार्टी टिकट पर नहीं बल्कि विभिन्न पैनल के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। नीलकंठेश्वर पैनल और सहकार बचाव पैनल के अलावा शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) ने ‘बलिराजा सहकार बचाव’ पैनल बनाकर चुनावी मैदान में प्रवेश किया है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। शरद पवार सीधे तौर पर मैदान में नहीं हैं।
बलिराजा सहकार बचाव पैनल ने 20 और नीलकंठेश्वर पैनल ने 21 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। शरद पवार ने मतदाताओं को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से कहा कि अगर राकांपा (एसपी) से जुड़े लोगों को (अजित पवार समर्थित सत्तारूढ़ पैनल द्वारा) साथ लिया गया होता, तो उनकी पार्टी को चुनावों के लिए प्रतिद्वंद्वी पैनल गठित करने की कोई जरूरत नहीं पड़ती।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘आज भी हम ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहते। हालांकि, पार्टी को परिस्थितियों के कारण ऐसा रुख अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ा। अगर सभी को साथ लेकर चलने का दृष्टिकोण अपनाया गया होता तो इस स्थिति (प्रतिद्वंद्वी पैनल का गठन) से बचा जा सकता था। लेकिन जो बीत गया सो बीत गया।’’
राकांपा में 2023 के विभाजन से पहले, चीनी मिल के बोर्ड में केवल एक पैनल (नीलकंठेश्वर) पवार परिवार का प्रतिनिधित्व करता था। शरद पवार ने कहा कि वह इस असहमति को (प्रतिद्वंद्वी राकांपा समूहों के बीच) दीर्घकालिक मुद्दे के रूप में नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह इस विशेष चुनाव तक ही सीमित है, जिसमें केवल 19,000 मतदाता शामिल हैं - मिल के सदस्य जो वोट देने के पात्र हैं।’’