नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के करीब 9 लाख कर्मचारी आज से दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। इससे बड़े स्तर पर बैंकिंग सेवाएं प्रभावित होंगी। बैंक के यूनियन के नेताओं ने कहा कि इस हड़ताल का आह्वान सरकार द्वारा दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के प्रयास के खिलाफ किया गया है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही बताया था कि हड़ताल की वजह से चेक क्लीयरेंस और फंड ट्रांसफर जैसी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि बुधवार को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के सामने सुलह-सफाई बैठक विफल रही और यूनियनों ने हड़ताल पर जाने के फैसले को कायम रखा है।
निजीकरण के सरकार के फैसले का विरोध
सरकार ने बजट 2021-22 में इस साल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव किया था। दरअसल बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी।
सरकार कुछ सरकारी कंपनियों के साथ कुछ बैंकों के निजीकरण के जरिए इतनी रकम जुटाना चाहती है। इससे संबंधित कानून में संशोधन के लिए सराकर मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही विधेयक ला सकती है, जिसे लेकर हंगामा है। दो दिन की हड़ताल (16 और 17 दिसंबर) का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन (यूएफबीयू) ने किया है।
बैंकों में इस महीने अभी कई और छुट्टियां
16 और 17 दिसंबर की हड़ताल की वजह से बैंक में काम नहीं हो सकेंगे। वहीं, 18 दिसंबर को मेघालय में बैंक बंद रहेंगे। शनिवार को यू सोसो थाम (U Soso Tham) की बरसी है, इस वजह से यहां बैंकों में छुट्टी होगी, जबकि अगले दिन यानी 19 दिसंबर को रविवार होने से पूरे देश में बैंक बंद रहेंगे।
इसके बाद अगले हफ्ते में 25 दिसंबर को क्रिसमस और दूसरा शनिवार होने की वजह से बैंक बंद होंगे। वहीं, 24 दिसंबर को मिजोरम में बैंक बंद रहेंगे। 26 दिसंबर को भी रविवार होने की वजह से बैंक बंद होंगे।