शराब की बोतलों की कांच से सुहागिनों के हाथों में खनकेगी चूडियां, पटना के पास हो रहा निर्माण

By एस पी सिन्हा | Published: December 10, 2022 04:18 PM2022-12-10T16:18:27+5:302022-12-10T16:20:03+5:30

समीर कुमार के अनुसार इस 13 हजार स्क्वायर फीट की किराये पर बनाई गई, इस चूड़ी निर्माण केंद्र के लिए 99.99 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा वित्तीय सहायता की गई है।

Bangles will be tinkling in the hands of brides from the glass of liquor bottles construction being done near Patna | शराब की बोतलों की कांच से सुहागिनों के हाथों में खनकेगी चूडियां, पटना के पास हो रहा निर्माण

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsजिन बोतलों में शराब से पीने वाले झुमते थे, अब उन्हीं बोतलों की कांच से सुहागिनों के हाथों में चूडियां खनकेगी।बिहार में बरामद अवैध शराब की बोतलों को गलाकर कांच की चूडियों का निर्माण किया जायेगा।फैक्ट्री रफ्तार पकड़ने के बाद महीने के तकरीबन 36 लाख तक की टर्न ओवर कर सकती है।

पटना: जिन बोतलों में शराब से पीने वाले झुमते थे, अब उन्हीं बोतलों की कांच से सुहागिनों के हाथों में चूडियां खनकेगी। यहां बिहार में बरामद अवैध शराब की बोतलों को गलाकर कांच की चूडियों का निर्माण किया जायेगा। चूड़ियों के लिए विश्वविख्यात फिरोजाबाद के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में पटना के पास सबलपुर गांव में अत्याधुनिक चूड़ी कारखाने की स्थापना की गई है। 

यहां दो टन की क्षमता वाली गैस से चलने वाली 2 भट्ठी बनाई गई है, जो वातावरण के अनुरूप है। यह राज्य की पहली चूड़ी की फैक्ट्री है, जिसे महिलाओं व स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित किया जाएगा। जीविका के राज्य प्रोग्राम मैनेजर समीर कुमार के अनुसार इस कारखाने में प्रतिदिन लगभग 2 टन शीशों को पिघलाने और 80 हजार चूड़ियों को बनाने की क्षमता है। 

यह फैक्ट्री रफ्तार पकड़ने के बाद महीने के तकरीबन 36 लाख तक की टर्न ओवर कर सकती है। उन्होंने बताया कि जल्द ही सबलपुर स्थित इस चूड़ी निर्माण केंद्र में बनाई गई बड़ी भट्टी में आईओसीएल का गैस कनेक्शन लगवाया गया है। शीशों को पिघलाने के लिए करीब 300 से 400 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान की जरूरत पड़ती है। इस कारण ये आम एलपीजी गैस से संभव नहीं है। 

समीर कुमार के अनुसार इस 13 हजार स्क्वायर फीट की किराये पर बनाई गई, इस चूड़ी निर्माण केंद्र के लिए 99.99 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा वित्तीय सहायता की गई है। 

वहीं, महिलाओं की सुरक्षा के लिए ग्लब्स, हेलमेट इत्यादि की भी व्यवस्था की गई है जिससे भट्टी में व अन्य मशीनों पर कांच की चूड़ी बनाते हुए किसी भी महिला कारीगर को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं हो। इतना ही नहीं, इसके संचालन के लिए 10 जीविका दीदियों को फिरोजाबाद भेज कर ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। फिलहाल कारखाने में सिंपल सिंगल और मल्टीकलर की चूड़ियां बनायी जा रही हैं।

Web Title: Bangles will be tinkling in the hands of brides from the glass of liquor bottles construction being done near Patna

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