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उदयपुर में सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक झंडे या चिह्न लगाने पर रोक, बीजेपी ने कहा- जानबूझकर मंदिरों और धार्मिक त्योहारों के पीछे पड़ी है राज्य सरकार

By रुस्तम राणा | Updated: April 6, 2023 21:39 IST

जिला प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक जिले में किसी भी सार्वजनिक बिल्डिंग या बिजली के खंभे समेत किसी भी सार्वजनिक जगह पर अब धार्मिक झंडे नहीं लगाए जा सकेंगे इसके लिए जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी।

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ठळक मुद्देउदयपुर में सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक झंटा लगाने के लिए जिला कलेक्टर से लेने होगी अनुमतिराज्य भाजपा अध्यक्ष ने कहा, राजस्थान सरकार जानबूझकर मंदिरों और धार्मिक त्योहारों के पीछे पड़ी है।

जयपुर: राजस्थान के उदयपुर में सार्वजनि जगहों पर धार्मिक झंडे या चिह्न लगाने पर 2 महीने के लिए रोक लगा दी गई है। जिला प्रशासन ने इस फैसले को लेकर अपने एक नोटिफिकेशन में कहा कि उदयपुर में अगले 2 महीने तक पूरे जिले में सार्वजनिक स्थल पर धार्मिक झंडे और प्रतीक चिन्ह लगाने पर रोक रहेगी। जिला प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक जिले में किसी भी सार्वजनिक बिल्डिंग या बिजली के खंभे समेत किसी भी सार्वजनिक जगह पर अब धार्मिक झंडे नहीं लगाए जा सकेंगे इसके लिए जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी। जिला मजिस्ट्रेट तारा चंद मीणा ने उदयपुर में धारा 144 के तहत नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनित संपत्तियों पर किसी भी धर्म से जुड़े झंडे, तस्वीरें, पोस्टर, चिह्न आदि लगाने पर पाबंदी लगाई गई है। अगर कोई व्यक्ति आदेशों का उल्लंघन करेगा तो आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

धार्मिक झंडों के मुद्दे को लेकर उदयपुर जिला प्रशासन के फैसले की भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई ने आलोचना की है। राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने कहा, राजस्थान सरकार जानबूझकर मंदिरों और धार्मिक त्योहारों के पीछे पड़ी है। वे किसे खुश करना चाहते हैं, यह नहीं पता। उन्होंने राज्य की गहलोत सरकार से सवाल करते हुए कहा कि उदयपुर उन्हीं वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की भूमि है जिन्होंने मुगलों को परास्त किया था अब अगर वहां पर ही भगवा ध्वज और पताका नहीं लगाएंगे तो क्या तालिबान में लगाएंगे?

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