अयोध्या में राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिकों पर खुली अदालत में सुनवाई की जाए या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फैसला करेगा।
एएनआई के मुताबिक, इस मामले से जुड़े एक वकील के मुताबिक, 9 नवंबर को दिए अपने अयोध्या फैसले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत दाखिल की गईं कुल छह पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई ओपन कोर्ट में की जाए या नहीं इस पर फैसला सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ गुरुवार को इन-चैंबर सुनवाई में करेगी।
कोर्ट ने रामलला विराजमान को दी थी 2.77 एकड़ विवादित भूमि
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यी संविधान पीठ ने सालों से जारी अयोध्या भूमि विवाद पर 9 नवंबर को दिए अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को रामलाल विराजमान को देते हुए वहां राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार को ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था।
साथ ही कोर्ट ने इस मामले के दूसरे पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराए जाने का निर्देश भी दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर छह पुनर्विचार याचिकाएं हुई हैं दाखिल
मुस्लिमों की तरफ से इस मामले के मुख्य पक्षकार रहे सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन न दाखिल किए जाने का फैसला किया था।
लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के समर्थन से इस फैसले पर पुनर्विचार के लिये पांच याचिकायें मौलाना मुफ्ती हसबुल्ला, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूजुर रहमान, हाजी महबूब और मिसबाहुद्दीन ने दायर की हैं, वहीं छठी पुनर्विचार याचिका मोहम्मद अयूब ने दायर की है।