अयोध्या में लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर छोटी दिवाली जैसी दिवाली मनायी, आपसी सौहार्द की पेश की अनूठी मिसाल

By भाषा | Published: November 10, 2019 06:26 AM2019-11-10T06:26:24+5:302019-11-10T06:26:24+5:30

चौक की सड़क पर एक ओर हिन्दू तो दूसरी ओर मुसलमानों की दुकानें हैं। शहर की सभी दुकानें खुली हैं और पूरी तरह से अमन चैन है। कुछ जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दुओं को मिठाई खिलाते और गले मिलते दिखे।

Ayodhya: People celebrate Chhoti Diwali on SC verdict, a unique example of mutual harmony | अयोध्या में लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर छोटी दिवाली जैसी दिवाली मनायी, आपसी सौहार्द की पेश की अनूठी मिसाल

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsअयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय का शनिवार को आया फैसला उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के सादतगंज इलाके में रहने वाले लोगों के लिए खुशियां लेकर आया और लोगों ने छोटी दिवाली जैसा समारोह आयोजित किया । लोगों ने दीये और मोमबत्तियां जलायीं तथा पटाखे छोड़े। उनमें रोमांच नजर तो आ रहा था लेकिन चेहरे पर सुकून का भी एक भाव भी था कि लंबे समय सामाजिक ताने-बाने में तनाव फैलाने वाले दशकों पुराने इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान हो गया।

अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय का शनिवार को आया फैसला उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के सादतगंज इलाके में रहने वाले लोगों के लिए खुशियां लेकर आया और लोगों ने छोटी दिवाली जैसा समारोह आयोजित किया । लोगों ने दीये और मोमबत्तियां जलायीं तथा पटाखे छोड़े। उनमें रोमांच नजर तो आ रहा था लेकिन चेहरे पर सुकून का भी एक भाव भी था कि लंबे समय सामाजिक ताने-बाने में तनाव फैलाने वाले दशकों पुराने इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान हो गया।

दो शिक्षकों- गजेंद्र त्रिपाठी और राघवेंद्र त्रिपाठी ने कहा, ‘‘ आज की घटना भगवान राम का पुनर्जन्म जान पड़ती है, इसलिए हम छोटी दिवाली मना रहे हैं।’’

बच्चे आसमान में पटाखे वाले रॉकेट छोड़े जाने पर खुश थे। उनमें से कुछ ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाये।

सब्जी बेचने वाले राजेंद्र ने अपनी दुकान सजा रखी थी। व्यापारी एस पी सिंह और उनके दोस्तों- राजन सिंह, अमित सिंह और विनोद गुप्ता ने सादतगंज मार्ग पर विशाल बरगद वृक्ष के नीचे मोमबत्तियां जलायीं।

एस पी सिंह ने कहा, ‘‘माहौल में खुशियां हैं और हम सभी उसका अहसास कर रहे हैं।’’

अयोध्या के निवासियों ने आपसी सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की

अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद धार्मिक नगरी अयोध्या के निवासियों ने आपसी सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अयोध्या अभी तक विवादों के लिए जाना जाता था लेकिन अब परस्पर सौहार्द के लिए जाना जाएगा और भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश करेगा।

नवीन सब्जी मंडी के आढ़ती विजय पांडे ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से पूरी अयोध्या खुश है और यहां पूरी तरह अमन-चैन कायम है, कोई परेशानी वाली बात नहीं है।

अयोध्या के मुख्य चौक पर रेस्तरां चलाने वाले तनवीर अहमद ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले से हमें खुशी है क्योंकि अब वर्षों से चला आ रहा तनाव और विवाद खत्म हो गया है।’’

लाल कोठी में रहने वाले महंत बालमुकुंद और महंत बालक राम ने बताया कि करोड़ों लोगों की निष्ठा के प्रतीक भगवान श्री राम को लेकर अदालत ने जो फैसला सुनाया है वह युगों युगों तक याद किया जाएगा।

मूक बधिरों का स्कूल चलाने वाली रानी अवस्थी ने कहा कि अब सरकार को अदालत के फैसले का सम्मान करते हुए जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण सुनिश्चित करना चाहिए।

चौक की सड़क पर एक ओर हिन्दू तो दूसरी ओर मुसलमानों की दुकानें हैं। शहर की सभी दुकानें खुली हैं और पूरी तरह से अमन चैन है। कुछ जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दुओं को मिठाई खिलाते और गले मिलते दिखे।

पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान गाड़ियों के काफिले में पूरे शहर में गश्त कर रहे थे। स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने "भाषा" को बताया कि उनकी दूसरे पक्ष के लोगों से मुलाकात हुई है। अदालत के फैसले से सब संतुष्ट हैं। शहर में अमन चैन है। शहर में कुछ जगहों पर लोगों ने दीये और मोमबत्तियां जलाईं और पटाखे भी फोड़े।

इस बीच सरयू नदी के किनारे नया घाट का नजारा शनिवार को बदला-बदला सा नजर आया। श्रद्धालुओं को लेकर जाने वाली बसों की संख्या सैकड़ों में थी लेकिन श्रद्धालु काफी कम थे।

अयोध्या बाईपास से नया घाट तक की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है और इस रास्ते पर यूपी रोडवेज की बसों की लंबी कतार लगी हुई थी। बस कंडक्टर श्रद्धालुओं को बुलाकर बस में बैठा रहे थे। मौके पर मौजूद यातायात पुलिस के अधिकारियों और बस चालकों ने बताया कि कल रात से शनिवार दोपहर तक 1000 से अधिक बसें आ चुकी हैं। अभी भी लगभग 700 बसें यहां खड़ी है।

नया घाट पर कोई विशेष गतिविधि नहीं थी। इक्का-दुक्का श्रद्धालु डुबकी लगाते नजर आए। एक भी पुरोहित नहीं दिखा। केवल पुलिसकर्मी, मीडिया के लोग और कुछ साधु संत नजर आए।

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि हमें यह उम्मीद नहीं थी कि फैसला आज ही आ जाएगा। कल श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी लेकिन प्रशासन ने रोडवेज की बसों का भरपूर इंतजाम किया था जो सभी श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य पर ले गईं।

देवकाली पुलिस चौकी के सामने की सड़क पर बैरियर लगे हैं। यहां तैनात पुलिसकर्मियों और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों ने बताया कि केवल स्थानीय वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है ताकि यहां रहने वालों को आवाजाही में किसी तरह की दिक्कत ना होने पाए लेकिन अयोध्या से बाहर के जो भी वाहन आ रहे हैं उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है।

जब पूछा गया की वाहनों को क्यों रोका जा रहा है तो एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फैसला आने के 10 मिनट के अंदर हमें निर्देश दिया गया है कि अयोध्या से बाहर के वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया जाए।

कमोबेश ऐसी ही स्थिति अयोध्या बाईपास की थी जहां रोडवेज की बसों को भी बाईपास पर ही रोका जा रहा है और शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। बसों पर सवार यात्रियों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कोई शिकायत नहीं की बल्कि राम मंदिर को लेकर शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत किया।

पंडित हरि मोहन मिश्रा अयोध्या नगरी में मंदिरों का दर्शन करके लौटे थे। उन्होंने बताया कि वाहन भले ही ना जा रहे हों लेकिन पैदल जाने की पूरी इजाजत है। मंदिरों में पूजा-अर्चना हो रही है। फैसला आने के बाद लोगों में खुशी का माहौल है। अयोध्या की सभी दुकानें खुली हुई हैं। स्थिति सामान्य एवं शांतिपूर्ण है। लोग रोजमर्रा की तरह अपने काम में लगे हुए हैं। कहीं किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।

समाजवादी पार्टी के नेता एवं व्यापार मंडल के महासचिव रत्नाकर दुबे ने भाषा को बताया कि फैसला अत्यंत संतोषजनक है। लोगों में खुशी और उत्साह है। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। शहर में कहीं से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की खबर नहीं है। जनजीवन सामान्य है और पुलिसकर्मी एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान पूरी मुस्तैदी से एक एक घटना पर नजर रखे हुए हैं। जब उनसे पूछा गया कि राजनीतिक दृष्टि से इस फैसले को किस तरह देखते हैं तो उनका जवाब था कि इस फैसले का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।

उच्चतम न्यायालय ने संबंधित पक्षों की दलीलें और तथ्यों का अवलोकन करने के बाद एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जिससे अयोध्या की जनता में खुशी की लहर है और अब राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं।

निजी टैक्सी चलाने वाले महेंद्र प्रताप ने कहा कि शहर में आने के बाद ऐसा महसूस ही नहीं हो रहा है कि कहीं किसी तरह की कोई समस्या है। लोग आम दिनों की तरह खरीदारी कर रहे हैं घूम फिर रहे हैं।

नंद कान्वेंट स्कूल के संचालक राजेश नंद ने भी फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि लोगों में उत्साह है लेकिन कहीं से कोई गलत बयानी या उपद्रव की खबर नहीं है। शासन और प्रशासन ने पुलिस का जो बंदोबस्त किया है वह चाक चौबंद है और स्थानीय लोग निर्भीक होकर और दिनों की तरह अपने कामकाज निपटा रहे हैं।

अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले सुबह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से धार्मिक नगरी अयोध्या के बीच सड़क मार्ग पर गतिविधियां तेज थी।

बाराबंकी के पास चाय की एक दुकान पर अखबार की सुर्खियों पर चर्चा करते लोग फैसला आने के बाद बनने वाले माहौल को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं व्यक्त करते दिखे।

लखनऊ फैजाबाद राजमार्ग पर जगह-जगह बैरियर नजर आए मुस्तैद पुलिसकर्मी गाड़ियों की जांच करते दिखे और सुरक्षा का भारी भरकम इंतजाम जगह-जगह मिला। सफेदाबाद के किसान राम मिलन सिंह ने कहा कि फैसला कुछ भी आए लेकिन माहौल बिगड़ना नहीं चाहिए। हम अपनी ओर से यही चाहते हैं किसी की भावनाओं को भड़काया ना जाए।

हाईवे पर सन्नाटा पसरा हुआ था इक्का-दुक्का बसें नजर आ रही थीं। ट्रकों को नो एंट्री की वजह समझाते पुलिस वाले दिखे। आमतौर पर सड़क के किनारे दिन और रात खाने-पीने की चहल-पहल से भरी दुकानें बंद थीं मरीजों को अस्पताल लेकर जा रही एंबुलेंस को आज यातायात जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।

बाराबंकी के अहमदपुर में पड़ने वाला टोल गेट आम दिनों की हलचल से दूर था इक्का-दुक्का गाड़ियां पर्ची कटवाती दिखी। टोल गेट पर काम करने वाले राहुल सिंह का कहना था कि सामान्य दिनों में ऐसी वीरान स्थिति नहीं नजर आती लेकिन जाने क्यों आज यातायात का दबाव अन अपेक्षित रूप से बहुत कम है। सड़क पर पसरा सन्नाटा कर्फ्यू जैसे हालात बयान कर रहा था।

टोल गेट तक 55 किलोमीटर के सफर में जो भी गाड़ी देखी फर्राटा भरती नजर आई। दोपहिया वाहनों का नामोनिशान गायब था और चार पहिया गाड़ियों के नाम पर या तो सुरक्षा वाहन या मीडिया की गाड़ी या सरकारी गाड़ियां दिख रही थीं।

रामसनेहीघाट पर नहर के किनारे अठखेलियां करते बच्चे फैसले की आहट से अनजान थे लेकिन इस बात की खुशी थी कि आज स्कूल बंद है जमकर खेलेंगे। राधे राधे ढाबे के मालिक विजय कुमार कुछ परेशान दिखे। सवाल किया कि क्या होने वाला है, सब ठीक है? तो जवाब आया ‘‘कुछ भी हो हमारा धंधा आम दिनों की तरह आज नहीं चल पा रहा है। कोई ग्राहक नहीं आ रहा है, समोसे ठंडे पड़ गए हैं, चाय का पतीला सुबह जैसे चढ़ाया था वैसे का वैसे पड़ा है।’’

कुल मिलाकर रास्ते में पड़ने वाले तमाम गांव रोजमर्रा की ही तरह थे। हालांकि हर किलोमीटर पर भारी पुलिस बल तैनात दिखा, मुस्तैद नजर आया और सोशल मीडिया से लेकर संचार साधनों पर सरकार की ओर से शांति बनाए रखने की अपील चर्चा का विषय ज़रूर रही। शाम तक राजमार्ग पर हालात सामान्य हो गए।

हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने बताया कि मंदिर में सामान्य हवन और आरती का कार्यक्रम होगा। इस मौके पर कोई विशेष पूजा नहीं होगी। दिन में अयोध्या मंडल के सूचना उपनिदेशक मुरलीधर सिंह ने बताया कि अयोध्या के मंडलायुक्त मनोज मिश्रा, महानिरीक्षक संजीव गुप्ता, जिलाधिकारी अनुज झा और एसएसपी आशीष तिवारी ने हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण करके हालात का जायजा लिया। स्थिति सामान्य है।

एसएसपी ने कहा, ‘‘पुलिस की गश्त जारी रहेगी। हम सोशल मीडिया पर नजदीकी निगाह रखे हुए हैं। हमारा प्रयास है कि आम आदमी सुरक्षित महसूस करे और उसे कम से कम असुविधा हो।’’ झा ने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि स्थिति पूरी तरह सामान्य और शांतिपूर्ण रहे।

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