लाइव न्यूज़ :

अयोध्या मामला : न्यायालय के इतिहास में शनिवार को आया शायद पहला फैसला

By भाषा | Updated: November 10, 2019 06:24 IST

सदी से भी ज्यादा पुराने इस विवाद पर शनिवार को फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या की विवादित जमीन पर सरकार की ओर से गठित न्यास की निगरानी में राम मंदिर बनाने को कहा और साथ ही कहा कि अयोध्या में ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन खोजी जाए।

Open in App
ठळक मुद्देराजनीतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील अयोध्या मामले पर आया फैसला एक से ज्यादा मायनों में ऐतिहासिक है क्योंकि शीर्ष अदालत के 69 साल के इतिहास में शनिवार को सुनाया जाने वाला संभवत: यह पहला फैसला है।शीर्ष अदालत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति सोमवार से शुक्रवार तक सप्ताह में पांच दिन मुकदमों की सुनवाई करते हैं।

राजनीतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील अयोध्या मामले पर आया फैसला एक से ज्यादा मायनों में ऐतिहासिक है क्योंकि शीर्ष अदालत के 69 साल के इतिहास में शनिवार को सुनाया जाने वाला संभवत: यह पहला फैसला है।

शीर्ष अदालत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति सोमवार से शुक्रवार तक सप्ताह में पांच दिन मुकदमों की सुनवाई करते हैं। विशेष परिस्थितियों में न्यायालय में शनिवार और अन्य अवकाश के दिनों में भी सुनवाई होती है। लेकिन संभवत: यह पहली बार था जब भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने शनिवार को इतना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

प्रधान न्यायाधीश के पीपीएस एच.के. जुनेजा ने कहा, ‘‘विशेष परिस्थितियों में न्यायालय में शनिवार, रविवार और यहां तक की रात में भी सुनवाई हुई है। लेकिन, मुझे यह याद नहीं है कि कभी कोई फैसला शनिवार को सुनाया गया है, संभवत: यह उन दुर्लभ पलों में से एक है।’’

उन्होंने छह दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाने से जुड़ी एक घटना को याद करते हुए कहा कि जब भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एम.एन. वेंकटचलैया ने शाम को अपने आवास पर विशेष बैठक की थी जिसमे शीर्ष अदालत ने 16वीं सदी की मस्जिद की रक्षा करने का वादा नहीं निभा पाने को लेकर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की आलोचना भी की थी।

सदी से भी ज्यादा पुराने इस विवाद पर शनिवार को फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या की विवादित जमीन पर सरकार की ओर से गठित न्यास की निगरानी में राम मंदिर बनाने को कहा और साथ ही कहा कि अयोध्या में ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन खोजी जाए।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया। पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाये, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा।

टॅग्स :अयोध्या फ़ैसलाअयोध्या विवादअयोध्याराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामलाराम जन्मभूमिराम मंदिरसुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत