अयोध्या मामला: ASI रिपाेर्ट पर मुस्लिम पक्षों ने मांगी माफी, न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा- 18 अक्टूबर के बाद कोई अतिरिक्त दिन नहीं दिया जाएगा

By भाषा | Updated: September 26, 2019 15:15 IST2019-09-26T15:15:41+5:302019-09-26T15:15:41+5:30

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि धवन ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा है कि उन्होंने रिपोर्ट पर सवाल करने का अपना अधिकार छोड़ा नहीं है।

Ayodhya case: Muslim parties apologize on ASI report, Justice Gogoi said - no extra day will be given after October 18 | अयोध्या मामला: ASI रिपाेर्ट पर मुस्लिम पक्षों ने मांगी माफी, न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा- 18 अक्टूबर के बाद कोई अतिरिक्त दिन नहीं दिया जाएगा

उन्होंने कहा, ‘‘जिस रिपोर्ट की बात की जा रही है, उसका एक लेखक है और हम लेखन पर सवाल नहीं उठा रहे हैं।’’

Highlightsधवन ने कहा, ‘‘यह उम्मीद नहीं की जाती है कि हर पृष्ठ पर हस्ताक्षर हों। रिपोर्ट के लेखकीय दावे और सारांश पर सवाल उठाने की आवश्यकता नहीं है।यदि हमने न्यायालय का समय बर्बाद किया है तो हम इसके लिए माफी मांगते हैं।

अयोध्या भूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकारों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 2003 की रिपोर्ट के लेखकीय दावे पर सवाल करने को लेकर बृहस्पतिवार को यू-टर्न लिया और मामले में उच्चतम न्यायालय का समय बर्बाद करने के लिए उससे माफी मांगी।

मुस्लिम पक्षकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ को बताया कि वे एएसआई रिपोर्ट के सारांश के लेखकीय दावे पर सवाल नहीं उठाना चाहते।

धवन ने कहा, ‘‘यह उम्मीद नहीं की जाती है कि हर पृष्ठ पर हस्ताक्षर हों। रिपोर्ट के लेखकीय दावे और सारांश पर सवाल उठाने की आवश्यकता नहीं है। यदि हमने न्यायालय का समय बर्बाद किया है तो हम इसके लिए माफी मांगते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिस रिपोर्ट की बात की जा रही है, उसका एक लेखक है और हम लेखन पर सवाल नहीं उठा रहे हैं।’’ मुस्लिम पक्षकारों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने बुधवार को एएसआई की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा था कि हर अध्याय एक लेखक ने लिखा है लेकिन सारांश में किसी का जिक्र नहीं है।

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि धवन ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा है कि उन्होंने रिपोर्ट पर सवाल करने का अपना अधिकार छोड़ा नहीं है लेकिन न्यायालय द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद सबूतों पर संदेह नहीं किया जा सकता। पीठ ने हिंदू एवं मुस्लिम पक्षकारों से कहा कि वे दलीलें पूरी होने की समयसीमा बताएं और 18 अक्टूबर के बाद एक भी अतिरिक्त दिन नहीं दिया जाएगा।

न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, ‘‘18 अक्टूबर के बाद कोई अतिरिक्त दिन नहीं दिया जाएगा। यदि हम इस मामले में चार सप्ताह में फैसला सुना देते हैं तो यह अद्भुत होगा।’’ न्यायालय ने मुस्लिम पक्षकारों से कहा कि वे एएसआई रिपोर्ट पर अपनी दलीलें दिन में ही पूरी करें। उसने कहा कि अक्टूबर में छुट्टियां हैं और चार हिंदू पक्षकारों के केवल एक वकील को प्रत्युत्तर दलीलें देने की अनुमति दी जाएगी। 

Web Title: Ayodhya case: Muslim parties apologize on ASI report, Justice Gogoi said - no extra day will be given after October 18

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