‘एक्सिओम-4’ मिशनः आज भी भारत 'सारे जहां से अच्छा' दिखता है, विदाई समारोह में शुभांशु शुक्ला बोले-मुझे जादुई सा लगता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 13, 2025 22:21 IST2025-07-13T21:54:53+5:302025-07-13T22:21:26+5:30

Axiom-4 Mission: शुक्ला ने आईएसएस में अपने प्रवास का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह मुझे जादुई सा लगता है... यह मेरे लिए एक शानदार यात्रा रही है।’’

Axiom-4 Mission Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Even today India looks better than world Shubhshu Shukla said farewell ceremony I feel magical | ‘एक्सिओम-4’ मिशनः आज भी भारत 'सारे जहां से अच्छा' दिखता है, विदाई समारोह में शुभांशु शुक्ला बोले-मुझे जादुई सा लगता

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Highlights‘एक्सिओम-4’ मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की विदाई का समय आ गया है।सोमवार को पृथ्वी के लिए अपनी वापसी यात्रा शुरू करेंगे। ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के तहत 26 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे।

Axiom-4 Mission: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने 18 दिनों के प्रवास के समापन पर कहा कि भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षा, निडरता, आत्मविश्वास और गर्व से भरा नजर आता है। शुक्ला ने भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के 1984 में कहे शब्दों को दोहराते हुए कहा, ‘‘आज भी भारत ऊपर से 'सारे जहां से अच्छा' दिखता है।’’ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर ‘एक्सिओम-4’ मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए आयोजित विदाई समारोह में यह टिप्पणी की।

शुक्ला ने आईएसएस में अपने प्रवास का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह मुझे जादुई सा लगता है... यह मेरे लिए एक शानदार यात्रा रही है।’’ शुक्ला 26 जून को आईएसएस पहुंचे थे। भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि वह अपने साथ बहुत सारी यादें और सीख लेकर जा रहे हैं, जिन्हें वह अपने देशवासियों के साथ साझा करेंगे।

आईएसएस पर 18 दिन के गहन वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद शुभांशु शुक्ला और ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की विदाई का समय आ गया है और वे सोमवार को पृथ्वी के लिए अपनी वापसी यात्रा शुरू करेंगे। एक्सिओम-4 मिशन सोमवार को आईएसएस से अलग हो जाएगा और मंगलवार को कैलिफोर्निया तट पर इसके उतरने की उम्मीद है।

मिशन पायलट शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री- कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड एवं हंगरी के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और टिबोर कापू, ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के तहत अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे। शुक्ला ने विदाई समारोह में भारत की भावी अंतरिक्ष यात्रा के प्रति गर्व, कृतज्ञता और आशा की भावना व्यक्त की।

उन्होंने कहा, “यह कमाल की यात्रा रही है। अब यह यात्रा समाप्त होने वाली है। लेकिन हमारी मानव अंतरिक्ष उड़ान की यात्रा बहुत लंबी है। यह कठिन भी है।” उन्होंने संस्कृत का एक वाक्यांश साझा करते हुए कहा, “लेकिन, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि यदि हम निर्णय कर लें तो तारे भी प्राप्त किए जा सकते हैं (तारा अपि प्राप्यन्ते)।”

अपने आदर्श राकेश शर्मा को याद करते हुए शुक्ला ने कहा कि 41 साल पहले एक भारतीय ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी और बताया था कि वहां से भारत कैसा दिखता है। शुक्ला ने कहा, “हम सभी आज भी यह जानने को उत्सुक रहते हैं कि ऊपर से आज भारत कैसा दिखता है। आज का भारत महत्‍वाकांक्षी दिखता है।

आज का भारत निडर दिखता है, आज का भारत आश्वस्त दिखता है। आज का भारत गर्व से पूर्ण दिखता है।” उन्होंने कहा, “इन सभी कारणों से, मैं एक बार फिर कह सकता हूं कि आज का भारत अब भी 'सारे जहां से अच्छा' दिखता है। जल्दी ही धरती पर मुलाकात करते हैं।”

शुक्ला ने इस मिशन को संभव बनाने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद लोगों ने इसे अविश्वसनीय बना दिया है। आप जैसे पेशेवरों के साथ काम करना मेरे लिए खुशी की बात थी।”

Web Title: Axiom-4 Mission Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Even today India looks better than world Shubhshu Shukla said farewell ceremony I feel magical

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