नयी दिल्ली, आठ दिसंबर शहर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को निर्देश दिया कि स्वामित्व का हस्तांतरण, अनापत्ति प्रमाणपत्र अथवा वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र पर पते आदि बदलने जैसे कार्यों के लिए ऑटो रिक्शा मालिकों को परिवहन विभाग में व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने के लिए दबाव नहीं डाला जाए।
न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने कहा कि यदि किसी वाहन मालिक अथवा आवेदक का व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होना जरूरी हो तो '' परिवहन विभाग इससे संबंधित विशेष एवं विस्तृत कारण बताएगा।''
अदालत ने अपने आदेश में यह टिप्पणी भी की कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने खुद यह माना है कि उसके नियम में यह अनिवार्य नहीं है कि इस तरह की सेवाओं के लिए आवेदक को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होना ही होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि विभाग ने स्वयं ही पिछले साल जून और इस वर्ष मार्च में जारी अपने आदेशों में व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने से छूट प्रदान की थी।
अदालत ऑटो रिक्शा चालक एवं मालिकों के हित में काम करने वाले एक संगठन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल 2021 के लिए निर्धारित की गई।
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