नई दिल्ली: हरिद्वार धर्म संसद में हुई हेट स्पीच मामले में यति नरसिंहानंद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शुक्रवार को भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने 'धर्म संसद' के नेता यति नरसिंहानंद के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी है। भारत के महान्यायवादी ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ संविधान और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणी को लेकर यह फैसला लिया है। एजी ने पाया कि नरसिंहानंद का बयान आम जनता के जेहन में सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को कम करने का एक सीधा प्रयास है।
बता दें कि 14 जनवरी को शची नेल्ली (कार्यकर्ता) द्वारा भारत के अटॉर्नी जनरल, केके वेणुगोपाल को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें संविधान और सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना करने वाली उनकी हालिया टिप्पणी के लिए ‘धर्म संसद’ के नेता यति नरसिंहानंद के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति का अनुरोध किया गया था।
बता दें कि हरिद्वार में पिछले महीने एक धर्म संसद का आयोजन किया गया था जिसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित नफरत भरे भाषण दिए गए थे। वेद निकेतन धाम में 16-19 दिसंबर के दौरान धर्म संसद में कथित तौर पर अल्पसंख्यक लोगों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया था। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट कोर्ट में है।
19 जनवरी को ही समुदाय विशेष की महिलाओं पर टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद की जमानत अर्जी सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की धर्म संसद में भड़काऊ भाषण दिए जाने के मामले में गिरफ्तारी के विरोध में अनशन पर बैठे यति नरसिंहानंद को नगर कोतवाली पुलिस ने महिला पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किया था।