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2024 के चुनाव से पहले मुसलमानों और मदरसों पर हमले बढ़े हैं, AIUDF प्रमुख ने कहा- डरे हुए मुसलमान भाजपा को वोट देंगे

By अनिल शर्मा | Updated: September 1, 2022 13:38 IST

असम सरकार ने बाहर से मस्जिद और मदरसों में आने वाले मौलवी, इमाम को लेकर नियम सख्त कर दिए हैं। बाहर से आने वाले मौलवियों को पहले एक सरकारी पोर्टल पर खुद का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वहीं पिछले महीने असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया था कि राज्य में 800 सरकारी मदरसों को बंद किया जा चुका है।

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ठळक मुद्देबदरुद्दीन ने कहा-  2024 के चुनाव से पहले मुसलमानों और मदरसों पर हमले बढ़े हैंAIUDF प्रमुख ने कहा कि भाजपा को 2024 में सत्ता बनाए रखने के लिए मुस्लिम वोटों की जरूरत है।

असमः राज्य सरकार द्वारा मदरसों और मौलवियों को लेकर सख्त किए गए नियम के बीचए आईयूडीएफ (AIUDF) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि भाजपा को मुस्लिम वोटों की जरूरत है और 2024 में सत्ता में बने रहने के लिए वह मुसलमानों को डरा रही ताकि वे उन्हें वोट दें। बदरुद्दीन ने कहा-  2024 के चुनाव से पहले मुसलमानों और मदरसों पर हमले बढ़े हैं... भाजपा को 2024 में सत्ता बनाए रखने के लिए मुस्लिम वोटों की जरूरत है। मुसलमानों पर उनके द्वारा हमले बढ़ रहे हैं और इसलिए डरे हुए मुसलमान उन्हें वोट देंगे। 

गौरतलब है कि असम सरकार ने बाहर से मस्जिद और मदरसों में आने वाले मौलवी, इमाम को लेकर नियम सख्त कर दिए हैं। बाहर से आने वाले मौलवियों को पहले एक सरकारी पोर्टल पर खुद का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वहीं पिछले महीने असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया था कि राज्य में 800 सरकारी मदरसों को बंद किया जा चुका है। पिछले दिनों पुलिस ने आतंकी संगठनों से संबंध के आरोप में गोलपारा जिले से दो इमाम की गिरफ्तारी की थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया था कि पुलिस ने इस साल मार्च से अब तक 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और विशेष रूप से निचले और मध्य असम के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। 

एआईयूडीएफ को लेकर भी सवाल उठाये जाते रहे हैं। अगस्त में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवव्रत सैकिया ने एआईयूडीएफ की जांच की बात कही थी। कांग्रेस नेता ने कहा था कि इस मामले से संबंध रखने वाला कोई भी व्यक्ति जांच के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा था कि असम में हाल की जिहादी गतिविधियों और AIUDF से कथित संबंधों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने असम सीएम का जिक्र करते हुए कहा था, मुख्यमंत्री ने भी पिछले साल आरोप लगाया था कि एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल एक विदेशी कट्टरपंथी संगठन के फंड से पार्टी चला रहे हैं।

एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने बयान दिया था कि उनकी बुरे तत्वों से कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें जहां भी मिले गोली मार दे। बकौल बदरुद्दीन- हमें उनसे (मदरसों में बुरे तत्व) कोई सहानुभूति नहीं है। सरकार उन्हें जहां भी मिले उन्हें गोली मार देनी चाहिए।

टॅग्स :असमBJP
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