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खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नारलीकर को ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’, 8 विज्ञान श्री, 14 विज्ञान युवा और एक विज्ञान टीम पुरस्कार की भी घोषणा, देखिए लिस्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 25, 2025 22:29 IST

प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, जिन्हें गेहूं प्रजनक के रूप में जाना जाता है, को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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ठळक मुद्देसरकार ने आठ विज्ञान श्री, 14 विज्ञान युवा और एक विज्ञान टीम पुरस्कार की भी घोषणा की।यूसुफ मोहम्मद शेख को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार दिया गया है। निदेशक एस. वेंकट मोहन को पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार मिला।

नई दिल्लीः ‘बिग बैंग’ सिद्धांत को चुनौती देने वाले प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नारलीकर को शनिवार को ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’ के लिए चुना गया। ‘बिग बैंग’ सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड एक ही क्षण में बना था, जबकि नारलीकर ने ब्रिटिश खगोलशास्त्री फ्रेड हॉयल के साथ मिलकर यह प्रतिपादित किया कि ब्रह्मांड हमेशा से अस्तित्व में रहा है और अनंत काल तक नये पदार्थों का निरंतर निर्माण होता रहा है। नारलीकर का 86 वर्ष की आयु में 20 मई को निधन हो गया था। पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर, राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार देश का सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार है। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के दूसरे संस्करण, 2025 के विजेताओं की घोषणा शनिवार को राष्ट्रीय पुरस्कारों की वेबसाइट पर की गई। सरकार ने आठ विज्ञान श्री, 14 विज्ञान युवा और एक विज्ञान टीम पुरस्कार की भी घोषणा की।

प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, जिन्हें गेहूं प्रजनक के रूप में जाना जाता है, को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के भौतिकी समूह के निदेशक यूसुफ मोहम्मद शेख को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार दिया गया है।

कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र के के. थंगराज को जैविक विज्ञान के क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला और आईआईटी-मद्रास के प्रदीप थलप्पिल को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार प्रदान किया गया। रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलपति अनिरुद्ध भालचंद्र पंडित को इंजीनियरिंग विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार दिया गया और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान के निदेशक एस. वेंकट मोहन को पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार मिला।

टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्‍थान में गणित के प्रोफेसर, एम. महाराज को गणित और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार प्रदान किया गया। इसरो के द्रव नोदन प्रणाली केंद्र के जयन एन को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

इसके अलावा, 14 विज्ञान युवा पुरस्कार विजेताओं की भी घोषणा की गई। सीएसआईआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) अरोमा मिशन टीम, जिसने जम्मू और कश्मीर में लैवेंडर मिशन की शुरुआत की, को विज्ञान टीम पुरस्कार के लिए नामित किया गया। 

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