'स्पीकर के अधिकार पर नहीं लगा सकते रोक', राजस्थान HC के निर्देश के खिलाफ SC पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष जोशी

By स्वाति सिंह | Updated: July 22, 2020 14:28 IST2020-07-22T14:19:41+5:302020-07-22T14:28:06+5:30

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस जारी किया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 बागी विधायकों ने अपने खिलाफ अयोग्यता नोटिस को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

Assembly Speaker CP Joshi at SC against Rajasthan HC directive says, cannot be banned Speaker's rights | 'स्पीकर के अधिकार पर नहीं लगा सकते रोक', राजस्थान HC के निर्देश के खिलाफ SC पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष जोशी

इस याचिका में विधान सभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को भेजे गए अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नोटिस को चुनौती दी गई है।

Highlightsराजस्थान उच्च न्यायालय के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिका में कहा गया है कि दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर द्वारा नोटिस जारी करने पर अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

नई दिल्ली:राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी कांग्रेस के 19 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की कार्यवाही को 24 जुलाई तक टाले जाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंचे। यहां वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायालय से कहा कि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की याचिका जैसे मामलों का तत्काल उल्लेख करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने कपिल सिब्बल से कहा कि वह शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री के समक्ष राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का मामला उठाए।

इस याचिका में विधान सभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को भेजे गए अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नोटिस को चुनौती दी गई है। अदालत ने अध्यक्ष से अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने को कहा था। विधानसभा अध्यक्ष ने वकील सुनील फर्नांडीस के जरिए दायर याचिका में कहा है कि अयोग्य ठहराए जाने की प्रक्रिया विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा है और इसलिए अदालत शुक्रवार तक इसे टालने की बात कहकर इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

बाद में, एक अन्य मामले में प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की याचिका जैसी याचिकाओं का तत्काल उल्लेख करने और उन्हें सूचीबद्ध करने के लिए शीर्ष अदालत में एक तंत्र होने का मामला उठाया। प्रधान न्यायाधीश ने सिब्बल से कहा कि वह याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का मामला शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री के समक्ष उठाएं। विधान सभा अध्यक्ष के वकील इससे पहले दो बार इन बागी विधायकों को जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की समय सीमा बढ़ाने संबंधी उच्च न्यायालय के अनुरोध पर राजी हो गये थे।

राजस्थान HC ने अयोग्यता नोटिस पर कार्रवाई 24 जुलाई तक टालने का आग्रह किया

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पार्टी व्हिप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिये विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत कर रखी है। इसी शिकायत पर अध्यक्ष ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किए थे।

हालांकि, पायलट खेमे की दलील है कि पार्टी का व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को दी गई अपनी शिकायत में पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है।

Web Title: Assembly Speaker CP Joshi at SC against Rajasthan HC directive says, cannot be banned Speaker's rights

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