विधानसभा चुनाव 2025ः हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद बिहार?, शक्ति, शाखा और संपर्क के फॉर्मूले पर काम, भाजपा को बड़ी जीत दिलाने की तैयारी में संघ

By एस पी सिन्हा | Updated: March 7, 2025 05:33 IST2025-03-07T05:33:08+5:302025-03-07T05:33:08+5:30

Assembly Elections 2025: संघ ने बिहार को दो भागों उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार में बांटा है। उत्तर बिहार की शाखाएं मुजफ्फरपुर से और दक्षिण बिहार की पटना से संचालित होता है।

Assembly Elections 2025 Bihar after Haryana, Maharashtra Delhi Working formula power, branch and contact Sangh rss preparing big victory to BJP | विधानसभा चुनाव 2025ः हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद बिहार?, शक्ति, शाखा और संपर्क के फॉर्मूले पर काम, भाजपा को बड़ी जीत दिलाने की तैयारी में संघ

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Highlightsचुनाव से पहले संघ बिहार में शाखा बढ़ाने की तैयारी कर रही है।स्वयंसेवकों के लिए संपर्क का सबसे अच्छा माध्यम शाखा है।बिहार में शाखाओं की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है।

Assembly Elections 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली की जीत के बाद अब बिहार में भाजपा को बड़ी जीत दिलाने के अभियान  में जुट गया है। संघ परिवार इसके लिए शक्ति, शाखा और संपर्क के फॉर्मूले पर काम कर रहा है। इस फार्मूले के जरिए संघ की कोशिश बिहार के हर घर तक पहुंचने की है। संघ सूत्रों के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरएसएस ने गुप्त रूप से अपनी ओर से एक सर्वे कराया है। इसमें विशेष रूप से तीन चीजें जानने का प्रयास किया गया है। किन नेताओं से लोगों की नाराजगी है, कौन सा मुद्दा ज्यादा प्रभावी है और भाजपा के लिए कौन सा मुद्दा लाभदायक या नुकसानदेह हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव से पहले संघ बिहार में शाखा बढ़ाने की तैयारी कर रही है।

दरअसल संघ के स्वयंसेवकों के लिए संपर्क का सबसे अच्छा माध्यम शाखा है। इसलिए संघ ने चुनाव से पहले बिहार में शाखाओं की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है। शाखाओं के संचालन के लिए संघ ने बिहार को दो भागों उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार में बांटा है। उत्तर बिहार की शाखाएं मुजफ्फरपुर से और दक्षिण बिहार की पटना से संचालित होता है।

संघ अपने इस शताब्दी वर्ष पर उत्तर बिहार में संगठन का विस्तार और इसे हर तरह से चुस्त दुरुस्त बनाने की रणनीति पर विचार कर रहा है। इसी सिलसिले में संघ प्रमुख मोहन भागवत उत्तर बिहार के पांच दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं। गुरुवार को सुपौल में विद्या भारती की ओर से संचालित सरस्वती विद्या मंदिर के भवन का उद्घाटन करने के बाद मोहन भागवत तीन दिनों तक मुजफ्फरपुर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। वह नौ मार्च को नागपुर चले जायेंगे। बिहार के चुनावी साल में संघ प्रमुख का यह पहला दौरा बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार मुजफ्फरपुर में होने वाली बैठक में यह तय किया जायेगा कि शाखाओं की संख्या बढ़ाकर कितनी करनी है और संपर्क को कितना सघन बनाना है। संघ सूत्रों ने बताया कि फिलहाल हर बस्ती में एक शाखा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है। इसके साथ ही पंचायत स्तर पर एक केन्द्र बनाने का फैसला किया गया है।

इसे शक्ति केंद्र का नाम दिया गया है। विधानसभा चुनाव से पहले संघ की इस तरह की साढ़े आठ हजार केन्द्र बनाने की तैयारी है।इन केन्द्रों का काम सर्वे के जरिए चिन्हित वैसे मतदाताओं तक पहुंचना है जो भाजपा के समर्थक रहे हैं। लेकिन किसी कारण से नाराज़ हो कर वोट डालने नहीं निकलते हैं।

शक्ति केंद्र से जुड़े सदस्य ऐसे लोगों के घर जायेंगे और उनकी नाराजगी दूर करने और उन्हें मनाने का प्रयास करेंगे। शक्ति केंद्र के पास पंचायत से लेकर गांव और मोहल्ले तक के कार्यकर्ता होंगे। ये अभी से लेकर चुनाव तक मतदाताओं से जुड़े रहेंगे। इनके ऊपर मतदाताओं को बूथ तक लाने की जिम्मेदारी होगी। वास्तव में संघ का मकसद मतदान प्रतिशत बढ़ाने का है।

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