नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का महासमर आज समाप्ति की ओर है। बीते नंवंबर से शुरू हुए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव को 2024 से पहले लोकसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
इन सभी राज्यों को समग्र दृष्टि से देखें तो कुल 678 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हुई। तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने शानदार बहुमत के साथ परचम लहराया, वहीं अकेले तेलंगाना ऐसा राज्य रहा, जहां से कांग्रेस को खुशी का सबब मिला। कांग्रेस ने बीआरएस और उसके चीफ के चंद्रशेखर राव के दोहरे शासनकाल का खात्म करके सत्ता अपने नाम कर ली है।
वहीं मिजोरम में अभी मतगणना चल रही है, लेकिन मतगणना के रुझान और परिणाम स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि वहां पर जेडपीएम को बहुमत मिलने जा रहा है। वहीं सत्तासीन एमएनएफ की सत्ता से विदाई तय हो गई है।
अब बात करते हैं सिसायी दलों के इस चरम संघर्ष की वास्तविक परिणीति पर तो पांच राज्यों की कुल 678 सीटों में से भाजपा के खाते में कुल 342 सीटें आयी हैं, जबकि सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के खेमे में महज 234 सीटें आयी हैं।
इसके अलावा अन्य की बात करें, जिसमें तेलंगाना की बीआरएस, बहुजन समाज पार्टी, एआईएमआईएम, समाजवादी पार्टी, सीपाएम, आम आदमी पार्टी जैसे दल हैं। उन्होंने कुल मिलाकर 63 सीटों पर बाजी मारी है।
कुल मिलाकर चुनाव परिणाम पूरी तरह से भाजपामय दिखे और जैसे की चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के आक्रामक अभियान से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भाजपा के लिए यह लड़ाई आसान नहीं होगी। ऐसा कुछ नहीं रहा और भाजपा ने विपक्ष की सारी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए शानदार सफलता प्राप्त की है।
पांच राज्यों के चुनाव से तय हो गया है कि तीन राज्यों की सत्ता भाजपा के पास रहेगी, एक से कांग्रेस को संतोष करना होगा और मिजोरम में भी सत्ता परिवर्तन के साफ संकेत मिल रहे हैं और मुख्यमंत्री जोरमथंगा की विदाई तय हो गई है।
पांचों राज्य में अगर सीटवार बात करें तो मध्य प्रदेश की 230 सीटें, छत्तीसगढ़ की 90 सीटें, तेलंगाना की 119 सीटें, राजस्थान की 199 और मिजोरम की 40 सीटों पर मतदान हुए थे।