5 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद उठी सचिन पायलट को अध्यक्ष बनाने की मांग, संजय झा ने कहा- यही मौका है...

By सतीश कुमार सिंह | Published: March 10, 2022 06:32 PM2022-03-10T18:32:56+5:302022-03-10T18:34:23+5:30

Assembly elections 2022: कांग्रेस ने पंजाब में सत्ता गंवा दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा।

Assembly elections 2022 Sachin Pilot Congress President sanjay jha 5 state lost up punjab goa manipur  | 5 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद उठी सचिन पायलट को अध्यक्ष बनाने की मांग, संजय झा ने कहा- यही मौका है...

इस बीच कांग्रेस ने फिर से नेतृत्व परिवर्तन की मांग तेज हो गई है।

Highlightsप्रियंका गांधी की राजनीतिक छवि के लिए भी बड़ा झटका है।चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में एक दलित मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन यह प्रयोग विफल रहा।उत्तर प्रदेश में 2 सीट पर बढ़त हासिल है।

Assembly elections 2022: उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में कांग्रेस की करारी हार हुई है। उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में 690 सीट में से मात्र 54 पर कांग्रेस को बढ़त मिली है। उत्तराखंड में 19, गोवा में 11, मणिपुर में 4, पंजाब में 18 और उत्तर प्रदेश में 2 सीट पर बढ़त हासिल है।

इस बीच कांग्रेस ने फिर से नेतृत्व परिवर्तन की मांग तेज हो गई है। संजय झा ने राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की है। उन्हें कांग्रेस का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी देने का समय आ गया है। वह मेहनती हैं। 24 घंटे काम करने वाले हैं। सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले ‘जी 23’ समूह के नेता ही नहीं, कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं का विश्वास भी अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी में खत्म हो रहा है।

 

उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खाते में चुनावी नाकामी का एक और अध्याय जुड़ गया तो पहली बार सक्रिय नेता के तौर पर जनता के बीच पहुंची प्रियंका गांधी का जादू भी बेअसर रहा।

राहुल गांधी ने मुख्य रूप से पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव प्रचार का मोर्चा संभाला था तो उत्तर प्रदेश की पार्टी प्रभारी प्रियंका ने राज्य में चुनाव अभियान की पूरी कमान संभाल रखी थी। प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में 209 जनसभाओं को संबोधित किया और कई रोडशो तथा डिजिटल कार्यक्रमों में भाग लिया, जबकि राहुल गांधी ने भी चुनावी राज्यों में कई जनसभाओं को संबोधित किया।

राहुल ने 2019 के लोकसभा में चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद भी वह पार्टी के प्रमुख चेहरा और चुनाव अभियान के नेता के तौर पर अपनी भूमिका निभाते रहे तथा इस दौरान कांग्रेस को कई विफलताएं और कुछ सफतलाएं मिलीं। लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी ने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया।

महाराष्ट्र और झारखंड में वह गठबंधन सरकार का हिस्सा भी बनी। साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। बिहार विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को सिर्फ 19 सीटें मिलीं, जबकि वह राजद के साथ गठबंधन में 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। पिछले साल असम, केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।

इन राज्यों में पराजय के बाद विरोधियों ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए। दूसरी तरफ, साल 2019 में सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली प्रियंका गांधी पहली बार किसी चुनाव में पुरजोर तरीके से चुनाव प्रचार किया। उनकी सभाओं में भीड़ भी आई, हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में इसका असर नहीं दिखा।

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