Assembly Election Date 2024 Announcement Live updates: निर्वाचन आयोग (ईसी) ने शुक्रवार को चुनाव की घोषणा कर दी। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होगा। 18 सितंबर को पहले चरण, 25 सितंबर को दूसरे चरण और 1 अक्टूबर को तीसरे चरण का मतदान होगा। 4 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी। हरियाणा में एक चरण में वोट पड़ेंगे। एक अक्टूबर को मतदान और जेके के साथ ही चार अक्टूबर को वोटों की गिनती की जाएगी। दोनों राज्य में 90-90 विधानसभा की सीट हैं। हरियाणा में भाजपा की सरकार है। जेके में 2014 के बाद चुनाव होने जा रहा है। हरियाणा में बहुमत के लिए 46 विधायक की जरूरत पड़ेगी। वहीं आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया है और उपराज्यपाल ही प्रमुख रहेंगे!
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मैं जम्मू कश्मीर के युवाओं के लिए एक लाइन कहना चाहता हूं...लम्बी कतारों में छुपी है, बदलते सूरत-ए-हाल, यानी जम्हूरियत की कहानी। रोशन उम्मीदें, अब ख़ुद करेंगी गोया, अपनी तकदीरें बयानी | जम्हूरियत के जश्न में, आपकी शिरकत, दुनिया देखेगी नापाक इरादों के शिकस्त की कहानी।
जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे और मतगणना चार अक्टूबर को होगी। निर्वाचन आयोग (ईसी) ने शुक्रवार को यह घोषणा की। साल 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इस बहुप्रतीक्षित चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए कहा कि 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पहले चरण के तहत 18 सितंबर को मतदान होगा जबकि दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को मतदान कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आखिरी चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा और मतों की गिनती चार अक्टूबर को की जाएगी। कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 42.6 लाख महिलाओं सहित कुल 87.09 लाख मतदाता हैं और इनके मतदान के लिए कुल 11,838 मतदान केंद्र होंगे। उन्होंने कहा कि इस पूर्ववर्ती राज्य के सभी उम्मीदवारों को उनके राजनीतिक दलों की मांग के अनुसार आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
केंद्र सरकार ने साल 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था। इस फैसले को चुनौती देनी वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने का फैसला बरकरार रखा था।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को इस साल सितंबर तक इस पूर्ववर्ती राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाने को कहा था। जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में पांच चरणों में हुआ था। तब यह एक राज्य था और लद्दाख इसका हिस्सा था।