नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी। ये पांच राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप कुमार पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू कर दी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त कोविड को लेकर नए और बेहद सख्त दिशानिर्देशों का ऐलान कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश:
403 विधानसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 312 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि समाजवादी पार्टी गठबन्धन को 47 सीटें और बसपा को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस के खाते सात सीटें आई थीं।
साल 2017 में 4 जनवरी को चुनाव की घोषणा हुई थी. 11 फरवरी से 8 मार्च तक सात चरणों में वोटिंग हुई थी. 11 मार्च को नतीजे आये थे. 19 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने सीएम पद की शपथ ली थी। 15 मई को विधानसभा की पहली बैठक हुई थी. इस तरह इस साल 14 मई को विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जायेगा।
117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है। फरवरी 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अकाली दल और भाजपा के सत्ताधारी गठबंधन को हराते हुए 77 सीटों पर जीत हासिल की थी।
वहीं, पहली बार पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने सबको चौंकाते हुए 20 सीटों पर जीत हासिल की और मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई. जबकि अकाली दल को 15 और भाजपा को तीन सीटों पर जीत मिली थी।
हालांकि, पंजाब में इस बार समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं क्योंकि कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह अब अपनी पार्टी बनाकर भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, अकाली दल और बसपा एक साथ आ गए हैं जबकि आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव में उतर रही है।
वहीं, सत्ताधारी कांग्रेस के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है क्योंकि पार्टी के दलित चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ का गुट खुश नहीं है. सिद्धू खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे।
उत्तराखंड
70 विधानसभा सीटों वाले उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है। साल 2017 में भाजपा को 57, कांग्रेस 11 और अन्य को दो सीटें मिली थीं। इस बार भाजपा और कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी भी अपनी किस्मत आजमा रही है और किसी बड़े उलटफेर से इनकार नहीं किया जा सकता है।
गोवा:
40 सीटों वाले गोवा विधावसभा का कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त हो रहा है। साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 17 जबकि भाजपा को 13 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कम सीटें होने के बावजूद भाजपा निर्दलीय विधायकों के दम पर सरकार बना ली थी।
2017 में आम आदमी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई थी और इस बार वह एक बार फिर गोवा में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी बेहद आक्रामक तरीके से गोवा चुनाव में उतरी है और वह कांग्रेस पर जोरदार हमले कर रही है।
मणिपुर:
60 सीटों वाले मणिपुर के विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च को समाप्त हो रहा है। साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 28, भाजपा को 21 और अन्य को 11 सीटों पर जीत मिली थी। बहुमत के लिए 31 सीटें चाहिए होती हैं।
चुनाव में नेशनल पीपल्स पार्टी और नगा पीपल्स फ्रंट को चार-चार और लोजपा, टीएमसी को एक-एक सीट मिली थी। गोवा की तरह ही कम सीटें मिलने के बावजूद भाजपा ने स्थानीय दलों के साथ गठबंधन करके एन. बीरे सिंह के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाई थी।