गुवाहाटी: कोकराझार की एक अदालत द्वारा सोमवार को गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को जमानत दिए जाने के बाद भी उन्हें बारपेटा जिले में एक लोक सेवक के साथ मारपीट और एक महिला का अपमान करने सहित विभिन्न आरोपों के तहत दायर एक नए मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए, बारपेटा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमिताभ सिन्हा ने कहा कि 21 अप्रैल की सुबह कोकराझार की एक महिला पुलिस निरीक्षक द्वारा बारपेटा रोड पुलिस स्टेशन में दर्ज एक शिकायत के आधार पर एक मामला (81/2022) दर्ज किया गया था।
सिन्हा ने कहा कि वह इस समय बारपेटा रोड में पुलिस हिरासत में है और उन्हें 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले 21 अप्रैल को ही मेवाणी को गुजरात के बनासकांठा जिले से गिरफ्तार किया गया था।
असम के स्पेशल डीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) जीपी सिंह ने बताया कि मेवाणी ने कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया, अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें (महिला पुलिस अधिकारी) अनुचित तरीके से छुआ। मामले की अभी जांच चल रही है।
मेवाणी पर आईपीसी की धारा 294 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकतें और गाने), 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पिछले साल सितंबर में कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक मेवाणी को असम पुलिस ने गुजरात से 20 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। उनके एक ट्वीट को लेकर कोकराझार थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "गोडसे को भगवान मानते हैं।’
विधायक को ट्रांजिट रिमांड पर कोकराझार लाया गया था और कोकराझार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 21 अप्रैल को उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
सोमवार को अदालत ने मेवाणी को जमानत देते हुए कहा कि कहा कि (मेवाणी का ट्वीट) प्रथम दृष्टया किसी वर्ग, समुदाय, लोगों के धार्मिक समूह, जाति, भाषा का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।