सीमा पर ‘आदान-प्रदान’ की नीति से असम और ‘कुछ’ लोगों को फायदा पहुंचेगा : मेघालय कांग्रेस
By भाषा | Updated: November 17, 2021 19:03 IST2021-11-17T19:03:57+5:302021-11-17T19:03:57+5:30

सीमा पर ‘आदान-प्रदान’ की नीति से असम और ‘कुछ’ लोगों को फायदा पहुंचेगा : मेघालय कांग्रेस
शिलांग, 17 नवंबर मेघालय में विपक्षी दल कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि असम और मेघालय राज्यों की सरकारों ने 49 साल से चले आ रहे अंतरराज्यीय सीमा विवाद को निपटाने के लिए ‘आदान-प्रदान’ की जो नीति अपनाई है उसका फायदा असम और ‘‘कुछ लोगों’’ को मिलेगा।
कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री नीत क्षेत्रीय समितियों के निष्कर्षों को 30 नवंबर से पहले सार्वजनिक करने की भी मांग की।
कांग्रेस नेता अम्परीन लिंगदोह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं (घटनाक्रमों की वजह से) बहुत दुखी हूं। यदि कल के कार्यक्रम में (असम तथा मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा संयुक्त बैठक और निरीक्षण) असम हावी रहा तो हो सकता है कि हमारा पड़ोसी हमसे सब ले डाले और दे केवल कुछ लोगों को।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कल जिस गांव में संयुक्त निरीक्षण हुआ उसका नाम लांगपी है। लेकिन मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने गांव का नाम लुम्पी बताया।’’ उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के पोस्टर, बिलबोर्ड आदि पर लांगपी को जो नाम दिया गया उसके बारे में मुख्यमंत्री चुप रहे।
लिंगदोह ने कहा, ‘‘उन्होंने लुम्पी नाम स्वीकार कर लिया और यह इस एक तरफा अंतरराज्यीय शिष्टाचार भेंट में ‘देने’ की शुरुआत है।’’ उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में भूमि के मालिकाना हक के मुद्दे पर कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
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