लाइव न्यूज़ :

ASI survey Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ASI सर्वेक्षण कल तक नहीं होगा, कल दोपहर 3.30 बजे फिर से सुनवाई, जानें अपडेट

By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 26, 2023 18:26 IST

ASI survey Gyanvapi Mosque: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण पर लगी रोक को बृहस्पतिवार तक के लिए बढ़ा दिया है। अदालत इस मामले में कल अपराह्न साढ़े तीन बजे सुनवाई करेगी।

Open in App
ठळक मुद्देसर्वेक्षण के दौरान संरचना को कोई क्षति नहीं होगी।ASI सर्वेक्षण कल तक नहीं होगा।मामले पर दोपहर 3.30 बजे फिर से सुनवाई करेगी।

ASI survey Gyanvapi Mosque: इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले में बृहस्पतिवार को भी सुनवाई होगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की अपील पर सुनवाई शुरू की है।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रयागराज में कहा कि ASI के अतिरिक्त निदेशक ने आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया है।जिसमें कहा गया कि सर्वेक्षण के दौरान संरचना को कोई क्षति नहीं होगी। ASI सर्वेक्षण कल तक नहीं होगा, कल अदालत इस मामले पर दोपहर 3.30 बजे फिर से सुनवाई करेगी।

वाराणसी की एक अदालत ने 21 जुलाई को काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की अनुमति दे दी थी।

इस मामले में दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर ने मामले में आगे की सुनवाई बृहस्पतिवार को जारी रखने का आदेश दिया। अदालत के आदेश के अनुपालन में एएसआई के वाराणसी केन्द्र के अपर निदेशक आलोक त्रिपाठी अदालत में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि एएसआई की टीम किसी भी तरह से ढांचे को क्षतिग्रस्त नहीं करने वाली है।

सुनवाई के दौरान, शाम पांच बजे के बाद अदालत ने कहा कि चूंकि सुनवाई का समय पूरा हो गया है, इसलिए आगे की सुनवाई कल की जाएगी, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि एएसआई को सर्वक्षण शुरू करना है। इस पर, एएसआई के अधिकारी ने बताया कि एएसआई की टीम विवादित परिसर में नहीं है और अदालत के आदेश के बगैर सर्वेक्षण का कोई काम नहीं किया जाएगा।

उच्च न्यायालय ने वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की अपील पर बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे सुनवाई शुरू की जो दोपहर साढ़े बारह बजे तक चली और दोपहर के भोजनावकाश के बाद सुनवाई फिर शाम साढ़े चार बजे से शुरू होकर पांच बजे तक चली।

मस्जिद कमेटी के वकील ने दलील दी कि 21 जुलाई को आदेश पारित करते समय वाराणसी की अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंच गई कि सर्वेक्षण रिपोर्ट की अनुपस्थिति में मुद्दे को हल नहीं किया जा सकता, लेकिन अदालत ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उसके समक्ष रखी गई सामग्रियों पर चर्चा नहीं की।

उन्होंने कहा कि निचली अदालत को सबसे पहले पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर कार्यवाही करनी चाहिए थी, लेकिन संपूर्ण शिकायत में इस तरह के साक्ष्य का कोई जिक्र नहीं है। सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के वकील ने कहा कि एएसआई को इस मुकदमे में पक्षकार नहीं बनाया गया और उसे सर्वेक्षण करने और इस मामले में विशेषज्ञ राय देने का निर्देश दिया गया।

इस पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दलील दी कि इस मुकदमे में विशेषज्ञों को पक्षकार बनाए जाने की कोई जरूरत नहीं है और ऐसा कोई कानून नहीं है कि जिस मामले में विशेषज्ञ की राय ली जाती है उस मामले में उसे पक्षकार बनाया जाए। जैन ने हस्तलेख विशेषज्ञों का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी मामले में इन्हें कभी पक्षकार नहीं बनाया गया, भले ही जरूरत पड़ने पर अदालत किसी मामले में हस्तलेख विशेषज्ञ की राय मांग सकती है।

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने कहा कि वादी के पास वास्तव में कोई साक्ष्य नहीं है और वे एएसआई सर्वेक्षण की मदद से साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहते हैं। इसपर अदालत ने उनसे पूछा कि यदि कानून साक्ष्य के इस तरह के संग्रह की अनुमति देता है तो याचिकाकर्ता को क्या नुकसान होगा।

नकवी ने कहा कि वाराणसी की अदालत के समक्ष मुकदमे में एएसआई सर्वेक्षण के लिए यह उचित चरण नहीं है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई के सर्वेक्षण से ढांचे को किसी तरह का नुकसान होने नहीं जा रहा। इससे पूर्व, मस्जिद पक्ष के वकील ने आशंका जाहिर की थी कि सर्वेक्षण और खुदाई से ढांचे को नुकसान पहुंचेगा।

दोपहर के भोजनावकाश के बाद की सुनवाई शुरू होने से पहले मुख्य न्यायाधीश ने अपर महान्यायवादी को वाराणसी से एएसआई के किसी ऐसे विशेषज्ञ को बुलाने को कहा जो अदालत को बता सके कि सर्वेक्षण की प्रक्रिया क्या होगी और यह कैसे किया जाएगा।

भोजनावकाश के बाद शाम साढ़े चार बजे शुरू हुई सुनवाई में एएसआई के वाराणसी केन्द्र के अपर निदेशक आलोक त्रिपाठी ने अदालत को सर्वेक्षण के तरीकों के बार में विस्तार से बताते हुए आश्वासन दिया कि इससे ढांचे को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। उन्होंने सर्वेक्षण प्रक्रिया के संबंध में अदालत में एक हलफनामा भी दाखिल किया।

(इनपुट एजेंसी)

टॅग्स :ज्ञानवापी मस्जिदप्रयागराजAllahabad High Courtवाराणसीसुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक