यूरोपीय यूनियन के सांसदों के जम्मू कश्मीर दौरे को लेकर राजनीति गलियारे में बेहद गर्मागर्मी हो गई है। सभी विपक्षी नेता मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूरोपियन डेलिगेशन के कश्मीर दौरे पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा यह कोई आधिकारिक दौरा नहीं है यह यूरोपीय संघ के सांसदों का आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं है। इसे दिल्ली में यूरोपीय संघ के कार्यालय द्वारा स्वीकार किया गया है। ये मोदी सरकार की हताशा और भ्रम का एक स्पष्ट संकेत है कि आपको आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं मिला।'
इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर मोदी सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने लिखा कि यूरोपियन पार्लियामेंट के सांसद जो इस्लामोफोबिया के शिकार हैं उन्होंने सही चुनाव किया है, ऐसे लोग मुस्लिम बहुल घाटी जा रहे हैं। साथ ही ओवैसी ने दल में शामिल सांसदों को नाजी लवर बताया। ओवैसी ने तंज कसते हुए मशहूर गाने का जिक्र किया है। ओवैसी ने ट्वीट किया है' गैरों पर करम अपनों पर सितम, ए जाने वफा ये जुल्म न कर। रहने दे अभी थोड़ा सा धरम। दरअसल यह तंज ओवैसी ने विपक्ष के नेताओं को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाने से रोकने पर कसा है। केंद्र सरकार ने विपक्ष के नेताओं को घाटी का दौरा करने से रोका था।'
बता दें कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद राज्य के ताजा हालात का जायजा लेने के लिए यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का एक शिष्टमंडल मंगलवार को पहुंचा है। अधिकारियों ने बताया कि दो दिवसीय यात्रा पर आए ईयू सांसदों को सरकारी अधिकारी घाटी के हालात के अलावा जम्मू कश्मीर के अन्य हिस्सों की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे।
यह शिष्टमंडल समाज के विभिन्न वर्ग से भी बातचीत कर सकता है। अधिकारियों ने बताया कि इस दल में मूल रूप से 27 सांसदों को होना था लेकिन इनमें से चार कश्मीर नहीं आए। बताया जाता है कि ये सांसद अपने अपने देश लौट गए।
गौरतलब है कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के ऐलान के बाद यह पहला उच्च स्तरीय विदेशी शिष्टमंडल कश्मीर के दौरे पर आया है।
इस बीच शहर पूरी तरह से बंद है और घाटी तथा श्रीनगर के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शनकारियों तथा सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में चार लोग घायल हुए हैं। यूरोपीय संसद के इन सदस्यों ने अपनी दो दिवसीय कश्मीर यात्रा के पहले, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नयी दिल्ली में मुलाकात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने इनका स्वागत करने के साथ उम्मीद जताई कि जम्मू कश्मीर सहित देश के अन्य हिस्सों में उनकी यात्रा सार्थक रहेगी। पीएमओ ने एक बयान जारी करके कहा,‘‘ इस दौरे से शिष्टमंडल को जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र की सांस्कृतिक एवं धार्मिक विविधता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही वे इस क्षेत्र के विकास एवं शासन से संबंधित प्राथमिकताओं की सही स्थिति से अवगत होंगे।’’ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मेहमानों को दोपहर का भोज दिया और उन्हें जम्मू कश्मीर के हालात की जानकारी दी थी। कुछ सप्ताह पहले अमेरिका के एक सीनेटर को कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी।