नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी को लेकर उनपर निशाना साधा। औवेसी ने आदित्यनाथ की टिप्पणी को न्यायिक अतिक्रमण बताया।
ओवैसी ने सोमवार को कहा, "सीएम योगी जानते हैं कि मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एएसआई सर्वे का विरोध किया है और कुछ दिनों में फैसला सुनाया जाएगा, फिर भी उन्होंने इतना विवादित बयान दिया, यह न्यायिक अतिरेक है।"
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने कहा था अगर उसको मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। दरअसल, योगी इस सवाल का जवाब देते हुए नजर आए कि ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर का कोई हल है। इसपर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वो देखे न त्रिशूल मस्जिद के अन्दर क्या कर रहा है, हमने तो नहीं रखे हैं न, ज्योतिर्लिंग है, देव प्रतिमाएं हैं।"
उन्होंने कहा था, "पूरी दीवारे चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं और मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की ओर से आना चाहिए कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है और उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो।" काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जारी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले में सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
अदालत तीन अगस्त को निर्णय सुनाएगी। अदालत मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 2021 में महिलाओं के एक समूह ने वाराणसी अदालत से संपर्क कर ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने की अनुमति मांगी, जो काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित है। अदालत ने वज़ूखाना को छोड़कर, जहां एक वस्तु की खोज की गई थी, एक वीडियो सर्वेक्षण का आदेश दिया।
हालाँकि, मस्जिद समिति ने कहा कि यह प्रार्थना से पहले हाथ और पैर धोने के लिए एक फव्वारे का हिस्सा था।