"जब तक 'भक्त' जीवित हैं, 'सनातन' को कोई चुनौती नहीं दे सकता है", स्मृति ईरानी ने उदयनिधि के बयान पर साधा निशाना
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 7, 2023 09:18 IST2023-09-07T09:06:36+5:302023-09-07T09:18:53+5:30
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उदयनिधि स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग 'सनातन धर्म' को चुनौती दे रहे हैं, वो जान लें कि जब तक 'भक्त' जीवित हैं, कोई भी उनके सनातन धर्म को चुनौती नहीं दे सकता है।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बेटे और उनकी सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा 'सनातन धर्म' पर दिये बयान को लेकर बेहद तीखा तंज कसा और कहा कि देश में किसी को किसी की आस्था और विश्वास पर चोट पहुंचाने का हक नहीं है।
समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किये गये दिल्ली के दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के वीडियो में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव में भाग ले रहे भक्तों से कह रही हैं, "जो लोग 'सनातन धर्म' को चुनौती देते हैं, उन तक यह आवाज पहुंचनी चाहिए कि जब तक 'भक्त' जीवित हैं, कोई भी उनके सनातन धर्म को चुनौती नहीं दे सकता।"
VIDEO | "Those who challenge 'Sanatan Dharma', the voice should reach them that till the 'bhakts' are alive, no one can challenge their religion," says Union minister @smritiirani during Janmashtami celebrations at ISKCON temple in Dwarka, Delhi. pic.twitter.com/7q0a4u8htw
— Press Trust of India (@PTI_News) September 6, 2023
केंद्रीय मंत्री ईरानी का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कैबिनेट सहयोगियों को 'सनातन के मुद्दे' पर हो रहे हमलों से लड़ने के आह्वान के बाद आया है। समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पीएम मोदी की ओर से मंत्रियों से कहा गया है कि वे आस्था के मुद्दों पर झूठ और हमलों का दृढ़ता से सामना करें और विरोधियों द्वारा पेश की जा रही चीजों को सही संदर्भों के साथ जनता के बीच रखें।
दरअसल सनातन का विवाद सत्ता के गलियारों में उस वक्त हावी हुआ, जब तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएमके सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है और इसे खत्म कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा था, “कुछ चीज़ों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही ख़त्म कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना होगा। ठीक उसी तरह हमें सनातन को मिटाना होगा। सनातन का विरोध करने के बजाय इसे खत्म किया जाना चाहिए।"
डीएमके नेता उदयनिधि द्वारा सनातन के खिलाफ की गई इस विवादित टिप्पणी से बड़ा बवाल खड़ा हो गया था और केंद्र में सत्ताधारी भाजपा के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ भाजपा के कई मुख्यमंत्रियों ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' और उसकी सहयोगी डीएमके पर निशाना साधा था।
इस विवाद में बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान में आयोजित एक रैली में कहा था, “पिछले दो दिनों से विपक्षी गठबंधन इंडिया 'सनातन धर्म' का अपमान कर रहा है। डीएमके और कांग्रेस के नेता सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए 'सनातन धर्म' को खत्म करने की बात कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने हमारे 'सनातन धर्म' का अपमान किया है।''