पाकिस्तान के साथ अब सिर्फ पीओके के मसले पर ही बातचीत होगीः उपराष्ट्रपति नायडू

By भाषा | Published: September 10, 2019 08:51 PM2019-09-10T20:51:12+5:302019-09-10T20:52:06+5:30

नायडू ने जम्मू कश्मीर में हाल ही में निर्वाचित पंच और सरपंचों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ अब सिर्फ पीओके के मसले पर ही बातचीत होगी।’’ उपराष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार नायडू ने सरपंचों को संबोधित करते हुये इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक भारतीय के लिये सुरक्षा और राष्ट्र की एकता एवं अखंडता सर्वोपरि है।

Article 370: Vice President Naidu said - Now only talks with Pakistan on the issue of PoK | पाकिस्तान के साथ अब सिर्फ पीओके के मसले पर ही बातचीत होगीः उपराष्ट्रपति नायडू

लगभग 4483 पंचायतों में से 3500 पंचायतों के चुनावों में लगभग 74 प्रतिशत मतदाताओं ने 35000 पंचों को चुना है।

Highlightsउन्होंने कहा कि अब इन प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। इसके तहत संचार सुविधाएं भी चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा रही हैं।इसके अलावा अशांति की आशंका वाले राज्य के कुछ इलाकों में एहतियातन कर्फ्यू भी लागू करना पड़ा था।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने प्रत्येक भारतीय के लिये सुरक्षा और देश की अखंडता को सर्वोपरि करार देते हुये मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुद्दे पर ही होगी।

नायडू ने जम्मू कश्मीर में हाल ही में निर्वाचित पंच और सरपंचों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ अब सिर्फ पीओके के मसले पर ही बातचीत होगी।’’ उपराष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार नायडू ने सरपंचों को संबोधित करते हुये इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक भारतीय के लिये सुरक्षा और राष्ट्र की एकता एवं अखंडता सर्वोपरि है।

उन्होंने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को पांच अगस्त को समाप्त किये जाने के बाद विभिन्न नागरिक सुविधाओं पर लगाये गये अस्थायी प्रतिबंधों का जिक्र करते हुये कहा कि इसका उद्देश्य उपद्रव और अशांति फैलाने की शरारती तत्वों की मंशा को नाकाम बनाना है।

उन्होंने कहा कि अब इन प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। इसके तहत संचार सुविधाएं भी चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने और जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को संघ शासित क्षेत्र घोषित करने के बाद पिछले एक महीने से राज्य में टेलीफोन, मोबाइल और इंटरनेट सेवायें आंशिक रूप से बंद थीं।

इसके अलावा अशांति की आशंका वाले राज्य के कुछ इलाकों में एहतियातन कर्फ्यू भी लागू करना पड़ा था। नायडू ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद संघ शासित क्षेत्र घोषित किये गये जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विकास की गति जोर पकड़ेगी।

नायडू ने सरपंचों के साथ बैठक की जानकारी ट्विटर पर भी साझा करते हुये कहा, ‘‘आज अपने निवास पर जम्मू कश्मीर से आये सरपंचों के शिष्टमंडल से मुलाकात की और संविधान का अनुच्छेद 370 हटने के बाद, क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को तत्परता से जनसाधारण तक पहुंचाने के लिए निष्ठापूर्वक अथक प्रयास करने का आग्रह किया।’’

उपराष्ट्रपति ने राज्य में मौजूदा हालात के बारे में कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में लगाये गये अस्थायी प्रतिबंधों का उद्देश्य शरारती तत्वों द्वारा अशांति और उपद्रव की संभावना को रोकना तथा उसके कारण जान-माल की संभावित हानि से नागरिकों को बचाना है।’’

उन्होंने राज्य में पंचायती राज व्यवस्था मजबूत होने के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुये कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद, वहां भी पंचायती राज से जुड़े संविधान के 73वें और 74वें संशोधनों के प्रावधान स्वत: ही जम्मू-कश्मीर में भी लागू होंगे।

नायडू ने जम्मू कश्मीर में पंचायतों के चुनाव पर खुशी व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘मुझे हर्ष है कि जम्मू कश्मीर में दशकों बाद, राज्यपाल शासन के दौरान, सफलतापूर्वक पंचायत चुनाव आयोजित किए गए तथा पंचायतों को संविधान सम्मत अधिकार दिए गए हैं।

लगभग 4483 पंचायतों में से 3500 पंचायतों के चुनावों में लगभग 74 प्रतिशत मतदाताओं ने 35000 पंचों को चुना है।’’ उन्होंने पंचायतों के वित्तीय अधिकारों में दस गुना बढ़ोतरी का जिक्र करते हुये कहा कि पंचायतों को अधिकार दिया गया है कि वे कर के माध्यम से अपना राजस्व बढ़ा सकें तथा प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी विकास योजनाओं का सोशल आडिट/लेखा परीक्षा करवा सकें।

नायडू ने कहा कि पंचायतों को अधिकाधिक अधिकार दिए जा रहे हैं। पंचायतों को सार्थक और सक्षम बनाने के लिए पर्याप्त कोष, कार्ययोजना और इसे लागू करने के लिये अधिकारियों और कर्मचारियों का अमला होना आवश्यक है।

नायडू ने सुझाव दिया कि राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव हर पांच साल में कराये जाने को अनिवार्य बनाया जाना चाहिये। राज्य में इन चुनावों को टालने का अब कोई विकल्प मौजूद नहीं होना चाहिये। 

Web Title: Article 370: Vice President Naidu said - Now only talks with Pakistan on the issue of PoK

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