अनुच्छेद 370: नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले पर पढ़ें एक कश्मीरी छात्र का नजरिया

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: August 10, 2019 17:39 IST2019-08-10T16:42:58+5:302019-08-10T17:39:16+5:30

Article 370: ''क्या पता समस्या कश्मीरियों में हो ही नहीं.. क्या पता कश्मीरियों के बाहर लोग हैं उनमें समस्या हो.. जो लोग सोच रहे हैं.. चला रहे हैं एडमिनिस्ट्रेशन को... कोई समस्या नहीं है.. ''

Article 370: Student from Kashmir shares his views on Narendra Modi Govt decision | अनुच्छेद 370: नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले पर पढ़ें एक कश्मीरी छात्र का नजरिया

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlights''कभी आप अपनी मम्मी से पांच दिन बात करके न देखिएगा.. तो शायद तब समझ जाएं..''''बहुत से लोग है कि उनकी आइडियोलॉजी जबरदस्ती की चेंज की जा रही है..''''आप उन लोगों को बंद कर रहे हो.. कैसे पता चलेगा कि मोदी जी ने क्या बयान दिया?''

नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर संविधान में दिए गए अनुच्छेद 370 को हटा दिया है। यह अनुच्छेद राज्य को विशेष दर्जा देता था। सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर देशभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। दिल्ली में पढ़ रहे कश्मीर के एक छात्र ने भी लोकमत न्यूज के साथ ताजा घटनाक्रम को लेकर बात की। अनुच्छेद 370 के मामले पर संवेदनशीलता को देखते हुए कश्मीरी छात्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर अपना नजरिया रखा।  

विस्तार से हुई बातचीत में कश्मीरी छात्र ने कहा, ''अगर अभी 370 के रिवोक को देखा जाए तो कुछ नहीं है.. बस एक स्टैबलिशमेंट ने एक और नया तरीका सीखा है अपनी बात मनवाने का.. जैसे अचानक से टीवी पर आकर मोदी आते हैं और बोलते हैं कि ये.. डिमोनिटाइजेशन हो गया.. और हो जाता है.. और हम सब मानते हैं.. फिर उसके बाद एक दिन पांच अगस्त को आते हैं और बोलते हैं कि यात्रियों को खतरा है.. सभी टूरिस्ट को निकाला जाए.. किसी ने पूछा नहीं.. क्या खतरा है.. कैसा खतरा है.. बस बनाकर खतरा कर दिया.. और उसके बाद सारे टूरिस्ट जब चले गए.. उसके बाद अपना जो चाल था वो खेल लिया.. लेकिन ग्राउंड सिचुएशन पे क्या हो रहा है और जो यहां के लोग क्या सोचते हैं..

अब कल उनने (पीएम मोदी) बयान दिया टीवी पर कि कश्मीर के लिए ये किया.. कश्मीर के लिए वो किया.. इंडस्ट्रीज आएंगी.. ये आएंगी.. वो आएंगी.. लेकिन आप उन लोगों को बंद कर रहे हो.. उनको साइलेंस कर रहे हो.. तो उनको क्या सुनाई देगा कि कश्मीर के लिए क्या कर रहे हो? वहां तो कोई कम्यूनिकेशन नहीं है। तो वहां कैसे पता चलेगा कि मोदी जी ने क्या बयान दिया? ये कहां कि डेमोक्रेसी है? वो तो बिल्कुल एक डिक्टेटरशिप है। जो आज कश्मीर पे आया है.. कल बाकियों पे आएगा।''

तरीका गलत है या ये रहना चाहिए था.. 370?

''बिल्कुल, रहना चाहिए था। जहां तक रहने की बात है.. रहना ही चाहिए था क्योंकि यही इकलौता लिंक है जो जम्मू-कश्मीर को हिंदुस्तान से जोड़ता है। इसमें हिंदुस्तान कह सकता है कि हां.. कश्मीर हमारा पार्ट है.. अब हम कश्मीर.. अब ऐसा कहने में आएगा कि ये कश्मीर का पार्ट नहीं है.. अब कहां से पार्ट है.. अब तो ऑक्युपाइड है न प्रॉपर। तो पता चल गया ऑक्युपाइड है। अब तो पार्ट बिल्कुल भी नहीं है। जो लिखते हैं कि कश्मीर इज द इंटेग्रल पार्ट ऑफ इंडिया तो उसको हटाया जाए.. उसको बोला जाए कि इट इज अ डिस्प्यूटेड पार्ट ऑफ..''

तो जैसे अक्सर ऐसी बात उठती है सरकार की तरफ से और मैंने कई लोगों से भी सुना है.. मैं फील्ड में रहता हूं या मैं खबर बनाता हूं.. कि कश्मीर हमारा भारत का हिस्सा है और समानता होनी चाहिए तो फिर विशेषाधिकार क्यों? 370 एक प्रिविलेज है तो कश्मीर को क्यों.. यूपी को क्यों नहीं? 

कश्मीर को क्यों और यूपी को क्यों नहीं? इससे पहले मैं आपसे पूछता हूं कि यूपी को क्यों नहीं और नागालैंड को क्यों? 

मान लीजिए कि नागालैंड भी है तो क्या जैसे 370 अगर हटा रहे हैं तो सब जगह से हटाना चाहिए या सब जगह लागू कर देना चाहिए? 

नहीं, जहां पर है.. है.. किसी मकसद के लिए है। पीछे लोग कर गए.. वो फजूल में तो करेंगे नहीं.. उन्होंने भी तो कुछ न कुछ सोचकर किया होगा न? कोई एक्सेशन साइन हुआ होगा.. कोई ट्रीटी साइन हुई होगी.. फजूल में आकर थोड़ी न कोई कर देगा.. फजूल वाली चीजें होती भी उल्टी हैं... फजूल में करदी डीमॉनिटाइजेशन.. हो गया कल्याण.. तो फजूल की चीजें.. जो अचानक से की जाए वो गड़बड़ ही करते हैं। 

कुछ संभावना दिख रही है कि कुछ आउटकम आएगा.. कुछ पॉजिटिव भी आएगा? 

पॉजिटिव तो नहीं लग रहा। फिलहाल नहीं लग रहा.. लोग कहते हैं कि इम्प्लॉयमेंट सेक्टर बढ़ेगा.. बट ऐसा कुछ भी नहीं है.. एम्प्लॉयमेंट सेक्टर उन्हीं के लिए बढ़ेगा जो वहां इंडस्ट्रीज बनाएंगे और इंडस्ट्रीज का पता है सबको.. कौन बनाएगा.. मान लीजिए आकर बना लेंगे.. तो यहां पर कुछ पॉजिटिव चीज नहीं दिख रही है.. 

आप मूल रूप से कश्मीर से ही हैं? 

जी।

तो अभी घर से खबर मिल पा रही? 

नहीं, कोई बात नहीं हो पा रही.. पिछले पांच दिनों से.. 

फील कैसा आ रहा आपको?

फील कैसा आ रहा है.. आपको क्या लगता है कि कैसा फील आ रहा होगा?

इसीलिए मैं जानना चाह रहा हूं?

तो कभी आप अपनी मम्मी से पांच दिन बात करके न देखिएगा.. देखिएगा कि जब वो आपसे बोलें कि बेटा खाना खाया? जब वो न पूछें पांच दिन फिर आप मेरे को बताना कि आपको कैसा लगा.. तो शायद तब आप समझ जाएं.. 

तो कहीं ऐसा तो नहीं है कि इस वजह से 370 के खिलाफ नाराजगी हो?

नहीं ऐसा कुछ नहीं है.. हम स्टूडेंट हैं... हमें बहुत सारी पॉलिटिकल.. सोशल चीजों का पता है.. पता रहना चाहिए.. 

जैसे मोदी सरकार ये जोर देती है या उनके भाषण आते रहते हैं.. आपने देखे होंगे.. वो कहते हैं कि अगर हम इसको (370) को नहीं हटाएंगे तो अच्छा डॉक्टर वहां जाने को तैयार नहीं है.. या बच्चों को एजुकेशन राइट हो.. या बहुत सारे लोग वहां जाने को.. कुछ करने को तैयार नहीं हैं.. तो इस तरह की बातें आती हैं?

हां बहुत सारे लोग वहां जाने तो तैयार ही नहीं है.. तभी तो मोदी जी को दो दिन लग गए सारे टूरिस्ट को वहां से निकालने में.. कितने टूरिस्ट तो वहां थे.. तो किसको मन नहीं है वहां जाने का... 

नहीं.. नहीं.. काम करने के लिए..?

काम करने का.. वहीं तो प्वॉइंट है न.. काम करने की क्या बात है.. आप.. गवर्नमेंट सर्विस में ले आइये.. चलिए आप गवर्नमेंट सर्विस में भेजिए.. और वहां बहुत सारे सेंटर के लोग है जो गवर्नमेंट सर्विस में आईएएस ऑफिसर्स हैं जो बाहर के हैं.. अगर प्राइवेट सेक्टर को लाओगे तो मतलब ही तो है न प्राइवेट सेक्टर का..

नहीं.. नहीं.. मोदी जी कहते हैं कि गवर्नमेंट सर्विस में भी ले जाएंगे.. अब मान लो उसे रहना है वहां.. बसना है.. तो वहां पे खासतौर से घाटी एरिया है.. जो मिलिटेंसी है.. तो उससे वो खौफजदा हैं... बस नहीं पा रहा है.. तो उनका लॉजिक ये है कि अगर इसको (370) हम हटा रहे हैं तो.. धीरे-धीरे हम इसको ऐसे बिल्डअप करेंगे कि वहां पे नॉर्मल एक माहौल बनेगा.. लोग व्यस्त हो जाएंगे.. ईएमआई भरने लगेंगे अपना.. 

कश्मीर न.. कल्चरली बहुत रिच है और कश्मीर मानने ही आता है कि खातिरदारी.. और कश्मीरियों को नब्बे से ही आदत लगी है कि कोई भी अफ्सर देखा खाकी वर्दी में.. उसको ऐसे सलाम ठोक दिया.. 

फिर समस्या कहां है?

समस्या.. समस्या तो.. क्या पता समस्या कश्मीरियों में हो ही नहीं.. क्या पता कश्मीरियों के बाहर लोग हैं उनमें समस्या हो.. जो लोग सोच रहे हैं.. चला रहे हैं एडमिनिस्ट्रेशन को... कोई समस्या नहीं है..

तो क्या उनसे रायशुमारी की गुजाइश थी?

रायशुमारी.. किससे.. कॉन्टिटुएंसी से?

ये जो 370 हटाया?

हां बिल्कुल थी.. वही तो है.. डेमोक्रेसी का मतलब क्या हुआ? 

तो क्या आपको लगता है कि रायशुमारी करके हटाते तो हटा सकते थे? 

रायशुमारी करके.. वो भी तो कुछ फैसले रखते न.. उनने तो हाउस अरेस्ट कर लिया.. तो वो अपनी बात नहीं रख पाए.. ठीक है.. तो अपनी बात रख पाते.. नहीं करने देते हैं.. यहां और कोई प्रोविजन्स होती इसमें.. तब अलग बात थी.. अब जब बात ही नहीं हुई तो क्या ही बात थी.. 

तो कुलमिलाकर ये है कि आपको लग रहा है कि सरकार ने.. कैसा लग रहा है.. थोप दिया? 

थोप दिया.. बिल्कुल थोप दिया.. और थोपी हुई चीज ज्यादा देर टिकती नहीं। बात ये है। 

क्या लग रहा है आगे?

आगे क्या लग रहा है.. आगे तो फिलहाल यही

आप स्टूडेंट हैं.. आप इसको अच्छे से समझ पाएंगे.. रिएक्शन कैसे होगा.. क्या होगा.. क्या पब्लिक एक्सेप्ट करेगी?

जो पढ़े-लिखे लोग हैं शायद वो एक्सेप्ट न कर पाएं कभी.. वो करेंगे इसके बारे में बात.. और जो.. जिनकी आइडियोलॉजी चेंज की जा रही है दिन ब दिन.. बहुत से लोग है कि उनकी आइडियोलॉजी जबरदस्ती की चेंज की जा रही है.. तो वो लोग.. थोड़ा टाइम लग जाएगा समझने में लेकिन इंशा अल्लाह समझेंगे क्योंकि अच्छी बात सभी समझते हैं। लॉजिकल बात सभी समझते हैं। 

Web Title: Article 370: Student from Kashmir shares his views on Narendra Modi Govt decision

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे