आर्टिकल 370: कश्मीर में पाबंदियों के खिलाफ गुलाम नबी आजाद की याचिका सहित सभी याचिकाओं पर SC ने सुरक्षित रखा फैसला, जानें मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 27, 2019 12:25 IST2019-11-27T12:25:07+5:302019-11-27T12:25:07+5:30
Article 370: जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला पांच अगस्त को लिया गया था।

आर्टिकल 370: कश्मीर में पाबंदियों के खिलाफ गुलाम नबी आजाद की याचिका सहित सभी याचिकाओं पर SC ने सुरक्षित रखा फैसला, जानें मामला
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर में पाबंदियों के खिलाफ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की याचिका समेत सभी याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिका जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के हटने के बाद से संचार और अन्य प्रतिबंधों के संबंध में दायर की गई थी। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के आलाव कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन ने भी याचिका दायर की थी। याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आज (27 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता गुलाम नबी आजाद की ओर से दलील दे रहे कपिल सिब्बल ने कहा है , केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का कहना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि धारा 144 में राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लेख कहां है? धारा 144 राष्ट्रीय सुरक्षा में किसी भी तरह की समस्या को बढ़ावा नहीं देता है। सरकार जो तर्क दे रही है वो बिल्कुल गलत है।
Kapil Sibal, representing petitioner Ghulam Nabi Azad in Supreme Court: You can take people into custody. You can say Section 144 is imposed. But you cannot take 7 million people into the custody under the name of the national security.
— ANI (@ANI) November 27, 2019
बता दें आर्टिकल 370 के हटने के बाद से कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने जम्मू-कश्मीप में संचार के माध्यम को प्रतिबंधित करने को लेकर आरोप लगाए थे। जिसके तहत कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद ने याचिका दायर किया था। वहीं बीते दिन (26 नवंबर) को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद वहां पर इंटरनेट पर लगाई गई बैन को सही ठहराया था।
बता दें कि इसी महीने केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान के आर्टिकस 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा था कि आतंकवादी और विदेशी तत्व भारत विरोधी ताकतों के समर्थन से स्थिति का फायदा उठा रहे थे। गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था।
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला पांच अगस्त को लिया गया था। इसके बाद करीब तीन दर्जन नेताओं को हिरासत में लिया गया था।