अनुच्छेद 370ः फिर से जम्मू कश्मीर पहुंचे अजीत डोभाल, NSA का घाटी दौरा कितना लंबा रहेगा पता नहीं
By भाषा | Updated: September 25, 2019 19:59 IST2019-09-25T19:59:57+5:302019-09-25T19:59:57+5:30
अधिकारियों ने बताया कि डोभाल प्रमुख सुरक्षा अधिकारियों से मिलकर राज्य में सुरक्षा और विकास संबंधी गतिविधियों का जायजा लेंगे। जम्मू कश्मीर 31 अक्टूबर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट जाएगा। अभी यह जानकारी नहीं दी गई है कि डोभाल का घाटी दौरा कितना लंबा रहेगा।

उन्होंने आतंकवाद प्रभावित दक्षिण कश्मीर के शोपियां और श्रीनगर के पुराने इलाकों का दौरा किया था।
जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त के किये जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल बुधवार को हालात का जायजा लेने और सरकारी योजनाओं के सुगम क्रियान्वयन के लिये आगे की रणनीति तय करने के उद्देश्य से एक बार फिर कश्मीर घाटी पहुंचे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि डोभाल प्रमुख सुरक्षा अधिकारियों से मिलकर राज्य में सुरक्षा और विकास संबंधी गतिविधियों का जायजा लेंगे। जम्मू कश्मीर 31 अक्टूबर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट जाएगा। अभी यह जानकारी नहीं दी गई है कि डोभाल का घाटी दौरा कितना लंबा रहेगा।
National Security Advisor (NSA) Ajit Doval today reached Srinagar to review the security situation in Jammu&Kashmir. In Srinagar, the NSA will hold meetings with security forces & state government officials to review the situation following abrogation of Article 370. (File pic) pic.twitter.com/nXFpkM2zvh
— ANI (@ANI) September 25, 2019
केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटने के फैसले की घोषणा किये जाने के बाद एनएसए 11 दिनों तक घाटी में ही रुके थे।
इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सरकार के फैसले के बाद कोई हिंसा न हो। अपने पिछले प्रवास के दौरान उन्होंने आतंकवाद प्रभावित दक्षिण कश्मीर के शोपियां और श्रीनगर के पुराने इलाकों का दौरा किया था।
उन्होंने जम्मू कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सेना के जवानों को अलग-अलग संबोधित किया था और प्रभावित इलाकों में उनकी सफलता को रेखांकित करते हुए उन्हें देश और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका का महत्व बताया। एनएसए सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच सुगम समन्वय सुनिश्चित करने और नियंत्रण रेखा पर स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।