गुवाहाटी: असम के कोकराझार की स्थानीय अदालत ने सोमवार को गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को जमानत दे दी है। उन्हें एक मामले में असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था। विधायक के वकील अंग्शुमान बोरा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कह, गुजरात के गिरफ्तार विधायक जिग्नेश मेवाणी जिग्नेश मेवाणी को कोकराझार की एक स्थानीय अदालत ने आज जमानत दे दी है।
गौरतलब है कि असम पुलिस ने मेवानी को प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में बुधवार को गुजरात से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कोकराझार की एक अदालत ने जिग्नेश मेवानी को रविवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जिसके बाद आज उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दी है।
दरअसल निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने अपने विवादित ट्वीट पर यह दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो ‘गोडसे को भगवान मानते हैं, वह गुजरात में हुई सांप्रदायिक झड़पों के लिए शांति और सद्भाव की अपील करें।
उनके इस आपत्तिजनक ट्वीट को आधार मानसकर असम में उन पर धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने), धारा 153ए (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने), 295ए, धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने) और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
असम कांग्रेस ने विधायक की गिरफ्तारी पर असम सरकार पर सवाल उठाए थे। असम कांग्रेस इकाई के प्रमुख भूपेन बोरा ने दावा किया था कि उनपर FIR की कोई जानकारी नहीं दी गई जिसके आधार पर मेवानी को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा मेवानी 'हमेशा भाजपा और आरएसएस के खिलाफ मुखर रहे हैं।'